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Road Safety With Jagran: उत्तरकाशी के सीओ ट्रैफिक ने कहा- भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में शीघ्र तैनात होगी पुलिस

Road Safety With Jagran उत्तरकाशी में पंजीकृत वाहनों की संख्या 16633 है। वहीं अन्य जिलों के पंजीकृत वाहनों की संख्या भी यहां हजारों में है जबकि यातायात पुलिस कर्मियों की संख्या मात्र तीस है। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं को पूरी तरह से रोक पाना चुनौती है।

By Shailendra prasadEdited By: Sunil NegiUpdated: Sat, 26 Nov 2022 09:28 PM (IST)
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उत्तरकाशी के सीओ ट्रैफिक प्रशांत कुमार। जागरण
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : Road Safety With Jagran: यातायात नियमों के अनुपालन की जिम्मेदारी यातायात पुलिस के जिम्मे है, परंतु जिस गति से वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उस अनुपात में यातायात पुलिस की संख्या नहीं बढ़ रही। साथ ही यातायात पुलिस पहाड़ों में तकनीकी रूप से भी सक्षम नहीं है। जनपद उत्तरकाशी में पंजीकृत वाहनों की संख्या 16633 है तथा अन्य जनपदों के पंजीकृत वाहनों की संख्या भी उत्तरकाशी में हजारों में है, जबकि यातायात पुलिस कर्मियों की संख्या मात्र 30 है। ऐसे में यातायात पुलिस के लिए सड़क दुर्घटनाओं को पूरी तरह से रोक पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। सुरक्षित यातायात की चुनौतियों को लेकर उत्तरकाशी के सीओ ट्रैफिक प्रशांत कुमार से दैनिक जागरण ने बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के कुछ अंश....

सवाल: यातायात पुलिस केवल राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही दिखती है, राज्य, जिला व ग्रामीण संपर्क मार्ग पर क्यों नहीं दिखती।

  • जवाब: जनपद में यातायात पुलिस के पास मानव संसाधन की कमी है। यह एक कारण है, किंतु 90 प्रतिशत ट्रैफिक राजमार्ग पर ही रहता है, इसलिए जो मौजूद मेनपावर है, उसे राजमार्ग पर तैनात किया जाता है। अब शीघ्र ही संपर्क मार्गों पर भी यातायात पुलिस की तैनाती की जाएगी, जिससे संपर्क मार्गों पर दुर्घटनाएं घटित न हों।
सवाल: रोड सर्वे के दौरान दैनिक जागरण टीम को भूस्खलन प्रभावित बंदरकोट, धरासू व अन्य स्थानों यातायात पुलिस की तैनाती नहीं दिखी।

  • उत्तर: यात्रा सीजन के दौरान यातायात पुलिस को अतिरिक्त फोर्स मिला था, जो हट गया है। बंदरकोट व अन्य भूस्खलन प्रभावित स्थानों पर वास्तव में पुलिस की जरूरत है। रविवार से ही उन स्थानों पर पुलिस की तैनाती की जाएगी, जिससे उन स्थानों पर जाम व दुर्घटना की स्थिति न बने। भले ही उस स्थान पर स्थाई समाधान तभी हो पाएगा, जब भूस्खलन का मलबा पूरी तरह से हटाया जाएगा।
सवाल:जनपद उत्तरकाशी में यातायात पुलिस तकनीकी रूप से सक्षम कब तक हो पाएगी।

  • जवाब: यातायात पुलिस के पास एक इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध है। एएनपीआर (स्वचालित नंबर-प्लेट पहचान), स्पीड लिमिट बैरियर, ट्रैफिक कमरे, दो ट्रैफिक कंट्रोल बुलेट की मांग मुख्यालय से की गई है। इन संसाधनों के मिलने के बाद यातायात पुलिस को काफी सुविधा मिलेगी। खासकर यात्रा सीजन में जाम खुलवाने में बड़ी सुविधा मिलेगी।
सवाल: जनपद उत्तरकाशी दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील है। यहां दुर्घटनाओं के क्या प्रमुख कारण हैं और जागरूकता के लिए यातायात पुलिस क्या कर रही है।

  • जवाब: सड़कों की स्थिति सही नहीं है, मुख्य सड़कों से लेकर संपर्क मार्गों पर रिफ्लेक्टर नहीं हैं, सड़कों पर जेबरा क्रासिंग नहीं है। कई महत्वपूर्ण स्थानों पर ट्रैफिक लाइट नहीं है। कई सड़कें निर्माणाधीन हैं, ओवरलोडिंग दुर्घटना की बड़ी समस्या है। शराब पीकर वाहन चालान भी एक समस्या है। ओवरलोडिंग और शराब पीकर वाहन चलाने के मामले में यातायात पुलिस काफी अधिक चालान काटे हैं। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात पुलिस जागरूकता अभियन चला रही है। स्कूलों में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से भी जागरूक किया है।
सवाल: यातायात पुलिस की ओर से सड़क सुरक्षा समिति को दिए सुझाव पर कितना अमल होता है और अभी तक डेंजर जोन में सुधार क्यों नहीं हो पाया।

  • जवाब: सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हर माह होती है। दुर्घटनाओं को लेकर और चालान को लेकर चर्चा होती है। सड़क मार्ग सुधार के लिए सुझाव दिए जाते हैं, जिन पर अमल होता है। यातायात पुलिस की ओर से सुझाव दिया गया है कि तांबाखाणी सुरंग के दोनों और ट्रैफिक लाइट लगाई जाए, ब्लाक स्पाट पर उत्तल दर्पण लगाया जाए। साथ ही जिले के प्रमुख चार दुर्घटना आशंकित क्षेत्रों में सड़क चौड़ी करने व सुरक्षा इंतजाम करने का भी सुझाव दिया गया है।
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