गंगोत्री नेशनल पार्क में सात साल के हिम तेंदुआ की मौत, कारणों का नहीं चल पाया पता
गंगोत्री नेशनल पार्क में एक हिम तेंदुआ की मौत हुई है। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है। फिलहाल हिम तेंदुआ की मौत के कारणों का पता नहीं चला है।
By Edited By: Updated: Wed, 10 Jun 2020 07:06 PM (IST)
उत्तरकाशी, जेएनएन। गंगोत्री नेशनल पार्क में एक हिम तेंदुआ की मौत हुई है। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है। फिलहाल, हिम तेंदुआ की मौत के कारणों का पता नहीं चला है। नेशनल पार्क की टीम ने हिम तेंदुआ का दो पशु चिकित्सकों के पैनल में पोस्टमार्टम कराया है।
दरअसल, बीते सोमवार की शाम को गंगोत्री नेशनल पार्क के नेलाग के निकट गश्त के दौरान नेशनल पार्क की टीम को हिम तेंदुए का शव मिला। पार्क की टीम ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। मंगलवार को पार्क के उपनिदेशक समेत अन्य अधिकारी नेलाग पहुचे। पार्क के उपनिदेशक एनबी शर्मा ने बताया कि मादा हिम तेंदुआ करीब सात साल की है। प्राथमिक दृष्टि में हिम तेंदुआ की मौत प्राकृतिक लग रही है, लेकिन मौत के सही कारणों की रिपोर्ट पोस्टमार्टम से पता चलेगी। अभी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं आई है।
वहीं, उत्तरकाशी के जोशियाडा बैराज में एक गुलदार का शव मिला है। अधिकारियों को आशका है कि किसी स्थान पर गुलदार भागीरथी नदी को पार कर रहा होगा। उसी दौरान गुलदार नदी के बहाव की चपेट में आया होगा । उत्तरकाशी वन प्रभाग की डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि नर गुलदार की उम्र चार साल के करीब है। गुलदार की मौत काफ़ी दिन पहले होनी प्रतीत होती है। गुलदार के शव का पोस्टमार्टम कराया है।
गुलदार की सक्रियता से सोरना अपर के ग्रामीणों की उड़ी नींद
विकासनगर के सोरना अपर में आबादी के समीप गुलदार की सक्रियता से ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। अब तक गुलदार एक पालतू कुत्ते को निवाला भी बना चुका है। गुलदार की आबादी के समीप सक्रियता को देखते हुए कालसी वन प्रभाग की टीम ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है।
सोरना अपर में गुलदार की सक्रियता से ग्रामीणों का अपने घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। दो दिन पहले देर रात गांव में आए गुलदार ने एक घर के भीतर घुसकर पालतू कुत्ते को अपना निवाला बना लिया। ग्रामीण राहुल नेगी, बचन सुयाल, रवि नेगी, दीपक रतूड़ी, लीलाचंद रतूड़ी, अजय आदि ने कालसी वन प्रभाग की चौहड़पुर वन रेंज के रेंजर को घटना की सूचना दी। ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार की सक्रियता के चलते किसान अपने खेतों में जाने में भी डर रहे हैं। बच्चों का भी सांझ ढलते ही खेलना बंद हो गया है।
गुलदार की सक्रियता से पालतू मवेशियों को भी खतरा पैदा हो गया है। सूचना मिलने के बाद वन विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से इंतजाम शुरू कर दिए हैं। रेंजर चौहड़पुर एडी सिद्दीकी का कहना है कि गुलदार की आबादी क्षेत्र के आसपास सक्रियता को देखते हुए क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है। इसके अलावा ग्रामीणों को भी सचेत रहने के लिए कहा गया है।
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