उत्तराखंड के इस जिले में भी है 'काशी विश्वनाथ मंदिर', CM धामी ने शेयर की Video
Kashi Vishwanath Mandir In Uttarakhand कई ऐसे धार्मिक व दर्शनीय स्थल हैं जो अपनी विशेषताओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। चारधाम की यात्रा और कुंभ मेले के आयोजन पर भारी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं लेकिन क्या आपको कि यहां पर भी अराध्य शिव का एक ऐसा मंदिर है जो उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में विशेष पहचान रखता है हम बात कर रहे हैं...
डिजिटल डेस्क, उत्तरकाशी। Kashi Vishwanath Mandir In Uttarakhand: उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं के बसे होने की मान्यता है। हिमालय की गोद में बसा एक छोटा- सा पहाड़ी राज्य स्वर्ग की अनुभूति कराता है।
यहां कई ऐसे धार्मिक व दर्शनीय स्थल हैं जो अपनी विशेषताओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। चारधाम की यात्रा और कुंभ मेले के आयोजन पर भारी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं लेकिन क्या आपको कि यहां पर भी अराध्य शिव का एक ऐसा मंदिर है जो उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में विशेष पहचान रखता है और जहां दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु काशी नगरी पहुंचे रहते हैं। हम बात कर रहे हैं देवों के देव के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की।
उत्तराखंड के इस जिले में भी है काशी विश्वनाथ मंदिर
वाराणसी के अलावा उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में भी काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) है। उत्तकाशी को काशी और शिवनगरी कहा जाता है। इसे एक पवित्र नगरी की संज्ञा भी दी गई है। वहीं भागीरथी के किनारे उत्तरकाशी (बाड़ाहाट) में विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर है। इस कारण इस स्थल का नाम उत्तर की काशी पड़ा है। इसके अलावा इस शहर में कई दार्शनिक मंदिर, आश्रम और गांव हैं, जो उत्तरकाशी की खूबसूरती में चार चांद लगा जाते हैं।
सीएम धामी ने शेयर की काशी विश्वनाथ मंदिर की वीडियो
उत्तराखंड में टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) अक्सर ही X (पूर्व में ट्विटर) पर यहां के सुंदर व दर्शनीय स्थलों की मनोरम वीडियो पोस्ट करते रहते हैं और लोगों को यहां आकर दर्शन करने या विजिट करने की अपील करते हैं।
इसी क्रम में सीएम धामी (CM Dhami) ने आज X पर उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर का वीडियो शेयर किया है। पोस्ट में कैप्शन में लिखा गया है, "उत्तरकाशी में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का मनमोहक दृश्य। देवाधिदेव महादेव का आशीर्वाद आप सभी पर बना रहे, ऐसी कामना करता हूं।"
उत्तरकाशी में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का मनमोहक दृश्य। देवाधिदेव महादेव का आशीर्वाद आप सभी पर बना रहे, ऐसी कामना करता हूँ। pic.twitter.com/ornrDUDSLm
स्कन्द पुराण के केदारखंड में भगवान आशुतोष ने उत्तरकाशी को कलियुग की काशी के नाम से संबोधित किया है। इसमें व्यक्त किया गया है कि वे अपने परिवार, समस्त तीर्थ स्थानों और काशी सहित कलियुग में उस स्थान पर वास करेंगे। जहां पर एक अलौकिक स्वयंभू लिंग, जो कि द्वादश जयोतिर्लिगों में से एक है, स्थित है। अर्थात, उत्तरकाशी में वास करेंगे।
उत्तरकाशी में भगवान विश्वनाथ अनादि काल से चिर समाधि में लीन होकर मंदिर में विराजमान हैं। भगवान आशुतोष यहां सदियों से संसार के समस्त प्राणियों का अपने शुभाशीष से कल्याण करते आ रहे हैं।
परशुराम ने की थी विश्वनाथ मंदिर की स्थापना
मान्यता है कि यहां विश्वनाथ मंदिर की स्थापना परशुराम द्वारा की गई थी। इस जगह पर पाषाण शिवलिंग 56 सेंटिमीटर ऊंचा एवम् दक्षिण कि ओर झुका हुआ है। गर्भगृह में भगवान गजानन और माता पार्वती शिवलिंग के सम्मुख विराजमान है। वाह्य गृह में नंदी प्रतीक्षारत हैं।
वर्तमान मंदिर का पूर्णोद्धार सन 1857 में टिहरी गढ़वाल कि रानी खनेटी देवी पत्नी तत्कालीन राजा सुदर्शन शाह ने करवाया था। मंदिर का निर्माण कत्यूरी शैली में पाषाण के आधार पर किया गया है। मंदिर के निर्माण में पत्थर का प्रयोग किया गया है।
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