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गंगा के मायके में देशभक्ति का रंग, निकलती है तिरंगा महाकांवड़ यात्रा

गंगा का मायका इनदिनों देशभक्ति के रंग में डूबा हुआ है। कांवड़ यात्री गंगोत्री से गंगाजल भरकर तिरंगा यात्रा निकालते हैं। जिसमें हर कांवड़ तिरंगे के रंग में रंगे नजर आते हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 06 Aug 2018 04:12 PM (IST)
गंगा के मायके में देशभक्ति का रंग, निकलती है तिरंगा महाकांवड़ यात्रा
उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: गंगोत्री धाम में भक्ति पर हर साल देशभक्ति का रंग चढ़ता है। कांवड़ यात्री गंगोत्री से गंगाजल भरकर तिरंगा यात्रा निकालते हैं। इस दौरान पैदल कांवड़ से लेकर ट्रक, बाइक और टेंपो में चलने वाली डाक कांवड़ भी तिरंगे के रंग में रंगे नजर आते हैं। इस बार तो कांवड़ यात्रियों के गीतों के पैटर्न में भी बदलाव आया है। देशभक्ति के गीतों और 'जय भोले' के साथ 'भारत माता की जय' के उद्घोष में डूबी कांवड़ यात्रा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की झांकी से कम नजर नहीं आ रही। यह सिलसिला बीते कई वर्षों से चला आ रहा है। 

स्वतंत्रता दिवस में अभी 11 दिन शेष है, लेकिन गंगोत्री से गंगाजल लेकर लौट रहे कांवड़ यात्रियों को देखकर लगता है कि स्वतंत्रता का पर्व शुरू हो गया है। अलवर (राजस्थान) के टपूकड़ा गांव से आए 27 लोगों का दल इस बार तिरंगा महाकांवड़ लेकर जा रहा है। पूरे कांवड़ रथ में तिरंगे की पट्टियां लगाई गई हैं। कांवड़ के मध्य में एक से डेढ़ मीटर लंबा तिरंगा लहरा रहा है। रथ की सजावट भी तिरंगे फूलों से की गई है। यहां तक कि रात में कांवड़ रथ पर जलने वाली लाइट भी तिरंगे का प्रकाश देती है। 

महाकांवड़ यात्रा के संचालक एवं टपूकड़ा गांव के सरपंच 50 वर्षीय मुकेश कुमार मित्तल बताते हैं कि वे वर्ष 2015 से तिरंगा कांवड़ लेकर जा रहे हैं। पहले वे छोटे स्तर पर ही हरिद्वार से तिरंगा कांवड़ ले जाते थे। लेकिन, इस बार गंगोत्री से तिरंगा महाकांवड़ लेकर राजस्थान जा रहे हैं। मित्तल बताते हैं कि उनका गांव पाक सीमा पर स्थित है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वे 2010 से गांव के आसपास तिरंगा यात्रा निकलते आ रहे हैं। गांव के 28 युवा सेना में हैं। अगर वे छुट्टी पर होते हैं तो इस यात्रा में अवश्य शामिल होते हैं। 

हर तरफ लहरा रहा तिरंगा 

इस बार तिरंगा कांवड़ यात्रा में अलवर टपूकड़ा के कांवड़ यात्री अकेले नहीं हैं। भगवा वेश में सजे कांवड़ यात्रियों के बीच हर तरफ तिरंगा लहरा रहा है। कहीं कांवड़ यात्रियों के कंधों पर रखी कांवड़ में तिरंगा सजा है तो कहीं हाथों में तिरंगा थामे हैं। 'हर-हर महादेव' और 'बम-बम भोले' के जयघोष के साथ 'भारत माता की जय' के उद्घोष से भी भागीरथी घाटी गूंज रही है। गंगोत्री बाजार के दुकानदारों का कहना है कि पहली बार कांवड़ यात्रा में तिरंगे की काफी डिमांड है। इसमें छोटे से लेकर बड़े झंडे तक शामिल हैं। 

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