Move to Jagran APP

उत्तरकाशी के दो गांवों को नहीं मिल पाए ग्राम प्रधान, जानिए वजह

इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंचायती राज विभाग ने पंचायत पद की सीटें आरक्षित करने का कार्य आंखों पर पट्टी बांध कर किया। इस वजह से दो गांवों को ग्राम प्रधान नहीं मिल पाए।

By BhanuEdited By: Updated: Tue, 08 Oct 2019 01:50 PM (IST)
Hero Image
उत्तरकाशी के दो गांवों को नहीं मिल पाए ग्राम प्रधान, जानिए वजह
उत्तरकाशी, जेएनएन। लगता है कि इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंचायती राज विभाग ने पंचायत पद की सीटें आरक्षित करने का कार्य आंखों पर पट्टी बांध कर किया। इस वजह से पद आरक्षित होने के चलते दो गांवों को ग्राम प्रधान नहीं मिल पाए। 

इसके अलावा पंचायती राज के दो संतान और शैक्षिक योग्यता के नियम ने भी दावेदारों को मुश्किलों में डाला। पुरोला ब्लॉक की करड़ा क्षेत्र पंचायत सीट पर नाम वापसी के बाद एकमात्र दावेदार का नामांकन निरस्त हो गया। इससे यह सीट खाली रह गई। इसको लेकर ग्रामीणों में खासी नाराजगी है।

नौगांव विकास खंड की ग्राम पंचायत फुवाण गांव की जनता पहला प्रधान नहीं बना पाई। जाजणू से अलग होकर इस बार फुवाण गांव अलग ग्राम पंचायत बनी। नई पंचायत बनने से लोगों में उत्साह था। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण तय हुआ तो गांव में प्रधान का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ। 

ग्रामीणों ने आपत्ति भी दर्ज की, लेकिन, आपत्ति का निस्तारण नहीं हुआ। फुवाण गांव में अनुसूचित जाति का एक परिवार रहता है। उस परिवार से सिर्फ दो लोग मतदाता है और दोनों ही अशिक्षित हैं। इस कारण परिवार के दोनों सदस्यों में से किसी ने भी नामांकन नहीं किया। इसके अलावा गांव में 44 परिवार सामान्य जाति के हैं, जिसमें 181 मतदाता है।

वहीं चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के नेरी गांव में प्रधान का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हुआ। गांव के अनुसूचित जाति वर्ग में केवल देवेश्वरी साक्षर है। देवेश्वरी ने नामांकन कराया। प्रधान के लिए आठवीं पास की अहर्ता देवेश्वरी पूरी नहीं कर पाई। इसके अलावा इस गांव में अनुसूचित जाति पुरुष वर्ग में भी कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जो प्रधान पद की अहर्ताएं पूरी करता हो। जिसके कारण इस गांव में प्रधान पद के लिए चुनाव नहीं हो रहा है। 

आरक्षण तय होने के दौरान इस गांव के ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज कराई थी,  लेकिन आपत्तियों का निस्तारण नहीं हुआ। नेरी गांव में 55 परिवार और 175 करीब मतदाता है। तीन परिवार अनुसूचित जाति के रहते हैं।

नामांकन हुआ निरस्त

पुरोला ब्लॉक की करड़ा क्षेत्र पंचायत सीट अनारक्षित घोषित की गई थी। इस सीट पर तीन लोगों ने नामांकन कराया। नामांकन के बाद गांव में बैठक हुई। बैठक में विरेंद्र सिंह के नाम पर सहमति बनी तथा उसे निर्विरोध क्षेत्र पंचायत के लिए नामित किया गया। अन्य दो सदस्यों ने नामांकन वापस लिया।  

जब नामांकन पत्रों की जांच हुई तो विरेंद्र सिंह की दो से अधिक संतान होने पर उनका नामांकन निरस्त हो गया। इसके कारण क्षेत्र पंचायत सीट के लिए कोई भी दावेदार नहीं रहा। जिससे इस सीट पर क्षेत्र पंचायत के चुनाव नहीं हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें: पंचायत चुनाव प्रचार ने पकड़ा जोर, घर-घर घूमकर वोट मांग रहे प्रत्याशी Dehradun News

आरक्षण तय कर होंगे चुनाव 

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के अनुसार  जनपद के तीनों गांवों में प्रधान व क्षेत्र पंचायत की रिक्त सीटों से संबंधित रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन के निर्देशानुसार संबंधित गांवों में आरक्षण तय किया जाएगा और चुनाव कराए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: चुनाव के बाद मतों के गणित में जुटे दिखे प्रत्याशी Dehradun News

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।