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Raksha Bandhan 2023: पेड़ों की रक्षा के लिए अनोखी मुहिम, छात्रों ने बांधी राखी; शुरू हुआ आंदोलन

Raksha Bandhan 2023 रक्षा सूत्र आंदोलन के संयोजक सुरेश भाई से प्रेरित होकर उत्तरकाशी में विभिन्न स्कूलों में पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधे गए। रक्षा सूत्र आंदोलन के संयोजक सुरेश भाई ने कहा कि पेड़ पौधे और प्राणियों का जन्म-जन्म का रिश्ता है। इसी रिश्ते की डोर इतनी मजबूत है कि मनुष्य सांस ले सकता है पानी पी सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 31 Aug 2023 10:37 AM (IST)
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पेड़ों की रक्षा के लिए अनोखी मुहिम, छात्रों ने बांधी राखी; शुरू हुआ आंदोलन

उत्तरकाशी, जागरण संवाददाता। रक्षाबंधन के त्योहार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी बीच उत्तराखंड में बड़ अलग ही तरह से रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया। यहां पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर छात्रों ने इस त्योहार को मनाया। इसके साथ ही एक नए आंदोलन की शुरुआत की।

रक्षा सूत्र आंदोलन के संयोजक सुरेश भाई से प्रेरित होकर उत्तरकाशी में विभिन्न स्कूलों में पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधे गए। रक्षा सूत्र आंदोलन के संयोजक सुरेश भाई ने कहा कि पेड़ पौधे और प्राणियों का जन्म-जन्म का रिश्ता है। इसी रिश्ते की डोर इतनी मजबूत है कि मनुष्य सांस ले सकता है, पानी पी सकता है। महिलाएं जंगल से चारा और लकड़ी ला सकती हैं। इसी डोर को मजबूत करने के लिए रक्षा सूत्र आंदोलन शुरू किया गया।

छात्रों और शिक्षकों ने पेड़ों को बांधी राखी

रक्षा सूत्र आंदोलन के तहत उत्तरकाशी जिले के आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज गेंवला, आदर्श उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज पुरोला, राजकीय इंटर कॉलेज सौंरा के छात्र-छात्राओं ने बुधवार को पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधे हैं। इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने भी प्रतिभाग किया। शिक्षक अनिल बेसरी, प्रयागनाथ आदि अनेकों उत्साही शिक्षकों के माध्यम से यह काम एक प्रेरणा के रूप में चलाया गया।

वर्षों से चल रही है पेड़ों को बचाने की मुहिम

सुरेश भाई ने कहा कि पेड़ पौधों के प्रति जितना पुस्तकों में पढ़ाया जाता है। यदि प्रैक्टिकल रूप में पेड़ पौधों के साथ रिश्तेदारी बना के रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए रक्षाबंधन के अवसर पर पेड़ों को बचाने की मुहिम वर्षों से आगे बढ़ रही है। स्कूल के विद्यार्थी पौधा रोपण करते हैं। उन पौधों पर बड़े उत्साह के साथ राखी बांधकर दिल में एहसास और अनुभव कर सकते हैं कि जंगल उन्हें हर रोज जो जीवन दे रहा है। उसे बचा के रखना बहुत आवश्यक है। इसी को देखते हुए ये मुहिम शुरु की। 

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