Uttarakhand Rains: गंगोत्री धाम में भागीरथी उफान पर, आरती स्थल तक पहुंचा जलस्तर; दुकानों के आगे से बह रही नदी
Uttarakhand Rains शुक्रवार को यमुनोत्री धाम में यमुना में उफान के बाद आज शनिवार को गंगोत्री धाम में भागीरथी उफान पर है। नदी का उफान घाटों के ऊपर तक पहुंच रहा है। गंगोत्री में आरती स्थल से भागीरथ शिला तक भागीरथी का जलस्तर पहुंच गया है। इससे पहले गुरुवार की रात को जानकी चट्टी यमुनोत्री व कालिंदी पर्वत क्षेत्र में जमकर वर्षा हुई। यमुना अपने रौद्र रूप में आई।
संवाद सूत्र जागरण बडकोट (उत्तरकाशी)। Uttarakhand Rains: शुक्रवार को यमुनोत्री धाम में यमुना में उफान के बाद आज शनिवार को गंगोत्री धाम में भागीरथी उफान पर है। गंगोत्री में भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है।
गंगोत्री में भागीरथी नदी का उफान घाटों के ऊपर तक पहुंच रहा है। गंगोत्री में आरती स्थल से भागीरथ शिला तक भागीरथी का जलस्तर पहुंच गया है। तीर्थ पुरोहितों ने दान पत्र और अन्य सामान हटा दिया है।
शुक्रवार को यमुना थी उफान पर
इससे पहले गुरुवार को यमुना के उद्गम क्षेत्र कालिंदी पर्वत क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है। वर्षा से यमुना नदी में उफान आया। जिसने तबाही का रूप लिया। यमुनोत्री धाम, राममंदिर पड़ाव और जानकी चट्टी में खासा नुकसान हुआ। जानकी चट्टी में तीन खच्चर भी बहे हैं।रात के समय जब यमुना में उफान आया तो जानकी चट्टी में होटल में ठहरे तीर्थयात्रियों, होटल, दुकान संचालकों, घोड़ा-खच्चर व डंडी कंडी संचालकों में हड़कंप मचा। जानकी चट्टी पार्किंग में जब यमुना नदी का उफान पहुंचा तो मजदूरों ने अपने बच्चों के साथ किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।
गुरुवार की रात को जानकी चट्टी, यमुनोत्री व कालिंदी पर्वत क्षेत्र में जमकर वर्षा हुई। वर्षा के कारण यमुना अपने रौद्र रूप में आई। यमुनोत्री धाम में यमुना नदी में आए उफान के कारण तटबंध बह गए हैं। यमुनोत्री धाम की सुरक्षा के लिए लगाई गई दीवार भी ढह गई। यमुना मंदिर को जाने वाला मुख्य रास्ता भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। यमुनोत्री धाम में पुजारी महासभा के यमुना नदी के किनारे के कक्ष भी क्षतिग्रस्त एवं ध्वस्त हुए हैं।
इसके अलावा स्ट्रीट लाइट भी क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा यमुनोत्री मंदिर का जनरेटर भी बह गया है। यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाले पुल की सुरक्षा दीवार भी टूट गई है। जिससे पुल का भी खतरा हो गया है। यमुनोत्री धाम में स्नान घाट भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। घाटों का कहीं भी पता नहीं चल पा रहा है।यमुनोत्री धाम का मुख्य शौचालय भी बह गया है। यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले पैदल मार्ग पर राम मंदिर पर स्थित पंजीकरण सत्यापन केंद्र भी क्षतिग्रस्त हुआ है। पंजीकरण केंद्र में सारा सामान भी बह गया है।
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