Uttarakhand Tourism: प्रकृति की गोद में बसा है हर्षिल, कुदरत ने खुले हाथ बरसाई नेमतें; सम्मोहित होता है मन
Uttarakhand Tourism उत्तराखंड के हर्षिल को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार। प्रकृति की गोद में बसा यह गांव अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। बर्फीली चोटियों नदियों और झरनों से घिरा हर्षिल पर्यटकों को असीम शांति प्रदान करता है। यहां के देवदार के जंगल सेब के बागीचे और हिमाच्छादित चोटियां मन को मोह लेती हैं। हर्षिल में कई एडवेंचर एक्टिविटीज का भी लुत्फ उठाया जा सकता है।
शैलेंद्र गोदियाल, जागरण उत्त
रकाशी। Uttarakhand Tourism: सीमांत उत्तरकाशी जिले के हर्षिल को वाइब्रेंट विलेज की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार मिला है। इसका यह गांव हकदार भी था। हर्षिल घाटी हिम शिखरों के करीब है। बर्फीली चोटियों से उतरती जल धाराओं के बीच बसे हर्षिल में नदी और झरनों की अविरलता का संगीत मन को असीम शांति प्रदान करता है।
कुदरत ने यहां खुले हाथ नेमतें बरसाई हैं। खूबसूरती ऐसी कि जिधर भी नजर घुमाओ, मन सम्मोहित-सा हो जाता है। यही कारण है कि हर्षिल की वादियां वर्षभर देश-विदेश के सैलानियों से गुलजार रहती हैं। चीन सीमा के निकट बसा यह गांव वाइब्रेंट विलेज में भी शामिल है। यूं तो वर्षों से हर्षिल की अपनी अलग पहचान है, लेकिन पिछले दस वर्षों में यहां पर्यटन सुविधाओं का बहुत तेजी से विस्तार हुआ है।
उत्तराखंड के स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले प्रसिद्ध हर्षिल गांव ने पिछले 25 वर्षों में पर्यटन की दृष्टि से नए प्रतिमान गढ़े हैं। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 75 किमी व देहरादून से 215 किमी दूर भागीरथी नदी के किनारे घने देवदार के जंगल के बीच बसा हर्षिल गांव समुद्रतल से 2,660 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां सुंदर झरने, हरे-भरे देवदार के जंगल, हिमाच्छादित चोटियां और सेब की बागीचे खासा आकर्षित करते हैं।
हर्षिल की खोज एवं इसे प्रसिद्ध दिलाने का श्रेय ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करने वाले अंग्रेज फ्रेडरिक विल्सन को जाता है। फ्रेडरिक विल्सन को हर्षिल का राजा कहा जाता है। हर्षिल में हर वर्ष हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
चीन सीमा के निकट होने के कारण यह गांव वाइब्रेंट विलेज योजना में भी शामिल है। वर्ष 2016-17 में हर्षिल इनर लाइन की पबंदियों से भी मुक्त हुआ। इसके बाद यहां पर्यटन से जुड़े कई कार्य मास्टर प्लान के तहत हुए। हर्षिल के निकट बगोरी, धराली व मुखवा गांव में भी पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
हर्षिल पहले से ही प्रसिद्ध था, अब और प्रसिद्ध हो गया है। पर्यटक और अधिक संख्या में यहां पहुंचेंगे। वाइब्रेंट विलेज की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार मिला तो जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। गांव को स्वच्छ एवं निर्मल रखने के लिए हर व्यक्ति व पर्यटक की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- दिनेश रावत, प्रधान, ग्राम पंचायत हर्षिल
सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार मिलने पर जखोल व हर्षिल के निवासियों को बधाई। पुरस्कार ने जिले के पर्यटन महत्व और इस क्षेत्र में हुए कारगर प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर फिर से उजागर किया है। इस दोनों गांवों के समग्र पर्यटन विकास के लिए शासन-प्रशासन निरंतर प्रतिबद्धता से प्रयास करता रहेगा।
- डा. मेहरबान सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी, उत्तरकाशी