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Silkyara Tunnel Collapse की प्रारंभिक रिपोर्ट आई सामने, सुरक्षा उपायों की थी कमी; NHIDCL ने भी नहीं दी थी काम की मंजूरी

Silkyara Tunnel Collapse सिलक्यारा सुरंग हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में सुरंग में हुए हादसे की घटना की कई वजहें बताई गई है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि शीयर जोन के हिसाब से परियोजना का गलत अलाइनमेंट करना तथा हादसों की पिछली घटनाओं से सबक लिए बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों की कमी के साथ प्रोजेक्ट की री-प्रोफाइलिंग करना शामिल है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 24 Dec 2023 12:54 PM (IST)
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Silkyara Tunnel Collapse की प्रारंभिक रिपोर्ट आई सामने, सुरक्षा उपायों की थी कमी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में सुरंग में हुए हादसे की घटना की कई वजहें बताई गई है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि शीयर जोन के हिसाब से परियोजना का गलत अलाइनमेंट करना तथा हादसों की पिछली घटनाओं से सबक लिए बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों की कमी के साथ प्रोजेक्ट की री-प्रोफाइलिंग करना शामिल है।

इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया गया है कि निर्माण कंपनी को एनएचआईडीसीएल के नियुक्त प्राधिकारी इंजीनियर की ओर से काम करने की पद्धति की मंजूरी नहीं मिली थी। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों और इसके इंजीनियरों की ओर से आवश्यक सुपरविजन में कमी को भी उजागर किया है।

प्रारंभिक रिपोर्ट से ही एनएचआईडीसीएल के स्थानीय अधिकारियों और निर्माण कंपनी के अधिकारियों में हड़कंप मचा है। एनएचआईडीसीएल और निर्माण कंपनी के अधिकारी इस मामले में कुछ भी आधिकारिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है।

दरअसल दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से आठ सदस्य उच्च स्तरीय विशेष जांच टीम सिलक्यारा पहुंची थी। चार दिनों तक इस टीम ने सिलक्यारा में गहनता से जांच की । 15 दिसंबर को यह टीम वापस लौटी। इस टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट गत शुक्रवार को सड़क परिवहन मंत्रालय को सौंपी है।

सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में सिलक्यारा सुरंग में सेंसर और उपकरणों की कमी की ओर भी इशारा किया गया है, जो री-प्रोफाइलिंग काम के दौरान जमीनी व्यवहार को पकड़ते हैं, ताकि जरूरी सावधानी बरती जा सके।

शीयर जोन चट्टान का संवेदनशील हिस्सा होता है जिसमें कमजोर और पतली चट्टानें होती है। शीयर जोन में अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों के अनुसार सुरंग परियोजना में फाइनल लाइनिंग से पहले कैविटी और किसी भी तरह की विकृति जैसी विसंगतियों की मरम्मत के लिए री-प्रोफाइलिंग की जाती है।

सिलक्यारा टनल के मामले में, री-प्रोफाइलिंग की जरूरत थी । क्योंकि खुदाई के तुरंत बाद यहां प्रॉपर सपोर्ट सिस्टम प्रदान नहीं किया गया था। निर्माण कंपनी ने शीयर जोन क्षेत्र को बिना प्रॉपर सपोर्ट के छोड़ दिया था और सुरंग की आगे की खुदाई की थी। गौरतलब है कि बीते 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हुआ। जिसके चलते 41 श्रमिक श्रमिक 17 दिनों तक सुरंग के अंदर फंसे रहे।

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