Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Uttarakhand Tunnel Rescue: 40 नहीं टनल में फंसे है 41 श्रमिक, रेस्क्यू की कोशिश है जारी; पहाड़ दरकने की आवाज से मची अफरातफरी

Uttarakhand Tunnel Rescue उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए लगातार सातवें दिन कोशिश जारी है। गौर करने वाली बात ये है कि इस टनल में 40 नहीं 41 मजदूर फंसे हैं। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कई मुसीबतें आ रही हैं। कभी पहाड़ दरक रहे हैं तो कभी मशीन खराब हो जा रही है। रात अचानक सुरंग के भीतर पहाड़ दरकने की तेज आवाज सुनाई दी।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 18 Nov 2023 10:15 AM (IST)
Hero Image
सिलक्यारा सुरंग में श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ड्रिलिंग कार्य प्रगति पर है

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की संख्या 41 है। इन सभी को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार सातवें दिन भी कोशिश जारी है। ये रेस्क्यू ऑपरेशन हर रोज कठिन होता जा रहा है। कभी पहाड़ दरक जा रहा है, तो कभी मशीन खराब हो जा रही है।

श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान में लगातार चुनौती पेश आ रही है। शुक्रवार को निकासी सुरंग बनाने के लिए पाइप बिछाने के दौरान एकाएक सुरंग के भीतर पहाड़ दरकने की तेज आवाज सुनाई दी। इससे बचाव दल के सदस्यों व अन्य व्यक्तियों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद आनन-फानन बचाव अभियान के साथ सुरंग में आवाजाही रोक दी गई।

सुरंग के अंदर आई पहाड़ दरकने की आवाज

देर रात जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रुहेला ने इसकी पुष्टि की। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि एनएचआइडीसीएल के अधिकारियों ने सुरंग के अंदर पहाड़ दरकने की आवाज सुनाई देने की सूचना दी है। बताया गया कि वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों, पुलिस के जवानों और बचाव अभियान में जुटी टीम ने आवाज सुनने के बाद इसकी जानकारी दी थी।

सुरंग में आ सकती है बड़ी दरार

इस घटना के बाद बचाव अभियान कैसे चलाया जाना है, इसको लेकर विशेषज्ञों की बैठक चल रही है। वहीं, एनएचआइडीसीएल के परियोजना निदेशक ने बताया कि ऐसी घटनाओं में दरार पड़ती हैं। सुरंग निर्माण के दौरान पहले भी ऐसी स्थिति सामने आ चुकी है। अतीत की घटनाओं और विशेषज्ञों की राय के अनुसार इससे सुरंग को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। फिलहाल, सुरंग में पाइप बिछाने की गतिविधि रोक दी गई है। हालात से निपटने के लिए उच्च अधिकारियों और विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाई गई है।

घटना छिपाते रहे अधिकारी

बताया जा रहा है कि रात आठ बजे एनएचआइडीसीएल ने इस संबंध में प्रेस नोट जारी किया था, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों ने प्रेस नोट को मीडिया में प्रसारित नहीं किया। देर रात इस बारे में सूत्रों से जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी से संपर्क किया गया।

देर रात बिछाए ह्यूम पाइप

सूत्रों के अनुसार, इस घटना के बाद सुरंग के अंदर रेस्क्यू क्षेत्र में ह्यूम पाइप बिछाने का कार्य शुरू किया गया। इसके लिए बड़ी संख्या में ह्यूम पाइप वाहनों से सुरंग के भीतर पहुंचाए गए। ह्यूम पाइप सीमेंट और कंक्रीट का बना होता है। जिसे बड़े नालों के प्रवाह के लिए बिछाया जाता है। इसका व्यास 1800 मिमी से अधिक होता है।

निकासी सुरंग की प्रगति के साथ बढ़ रही उम्मीद

सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए जैसे-जैसे पाइप बिछाए जा रहे हैं, वैसे-वैसे श्रमिकों और उनके स्वजन का हौसला भी बढ़ रहा है। सुरंग में 125 मिमी व्यास का एक पाइप और भी डाला जा रहा है, जिससे श्रमिकों को खाद्य पदार्थों की आपूर्ति सही ढंग से की जा सके। फिलहाल, श्रमिकों को सुरंग में पहले से बिछे 80 मिमी व्यास वाले पानी निकासी के पाइप से खाद्य पदार्थ, ऑक्सीजन व अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

यह भी पढ़ें: Uttarkashi Rescue: टनल की प्रगति पर बढ़ रही मजदूरों की उम्मीद, खाने की बेहतर आपूर्ति के लिए डाली जा रही 125 एमएम व्यास की पाइप

सुरक्षित हैं श्रमिक

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिक फिलहाल सुरक्षित हैं। उनके पास पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बिजली की आपूर्ति भी सुचारू है। खाद्य पदार्थ और ऑक्सीजन भी नियमित रूप से भेजी जा रही है।