Uttarakhand Tunnel Rescue: टूट रहा सब्र का बांध, अधिकारियों के सामने रो पड़े मजदूर, कहा- …अब खतरे से खाली नहीं
Uttarakhand Tunnel Rescue - आलवेदर रोड की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान सुरंग में कैद है। इन मजदूरों के स्वजन का सब्र का बांध भी टूट रहा है। शनिवार मजदूरों ने नवयुग कंपनी के कार्यालय में जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान दो मजदूर कंपनी के एक सीनियर अधिकारी के समुख बिखलकर रो पड़े। कंपनी के अधिकारियों ने मजदूरों को आश्वासन दिया।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। आलवेदर रोड की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान सुरंग में कैद है। इन मजदूरों के स्वजन का सब्र का बांध भी टूट रहा है। शनिवार मजदूरों ने नवयुग कंपनी के कार्यालय में जमकर प्रदर्शन किया।
इस दौरान दो मजदूर कंपनी के एक सीनियर अधिकारी के समुख बिखलकर रो पड़े। कंपनी के अधिकारियों ने मजदूरों को आश्वासन दिया कि मजदूरों को निकालने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कभी भी ढह सकता है एक और हिस्सा
मजदूरों ने कहा कि सुरंग का शुरुआती 210 मीटर लंबा संवेदनशील हिस्से में दरारें आई हैं तथा कुछ हिस्स में भूस्खलन हुआ है। सुरंग में जाना अब खतरे से खाली नहीं है। शुक्रवार की दोपहर को जो दरार आई है। उससे सुरंग का 53 मीटर क्षेत्र में 300 एमएम झुक गया है, जो कभी भी ढह सकता है।
आक्रोशित मजदूरों ने कहा कि जब नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आरके सिंह थे तब उन्होंने संवेदनशील क्षेत्र में ह्यूम पाइप डलवाकर एस्केप टनल बनाई थी। जो सुरक्षा के लिए जरूरी थी, लेकिन एक माह पहले कंपनी के एक अधिकारी ने उन पाइपों को हटवाया।
कंपनी के मैकेनिकल प्रबंधक का घेराव
आक्रोशित मजदूरों ने नवयुग कंपनी और एनएचआइडीसीएल के विरुद्ध नारेबाजी की। नवयुग कंपनी के मैकेनिकल प्रबंधक राजराव का घेराव किया। मजदूरों ने कहा कि सुरंग में फंसे हमारे मजदूर साथियों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालों साथ ही कंपनी के जिस अधिकारी की गलती है उस पर सख्त कार्रवाई की जाए।
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