Uttarakhand Tunnel Rescue: वॉकी-टॉकी से बात कर छलका श्रमिकों का दर्द, बोले- हमें सुरंग से बाहर निकालो साहब, यहां हालात बेहद खराब
श्रावस्ती मोतीपुर के रहने वाले श्रमिक अंकित ने राज्य समन्वयक अरुण कुमार मिश्रा से अपने स्वजनों के बारे में पूछा। वह बोला कि साहब मेरे घर में सभी ठीक हैं ना। स्वजनों का हाल जानने के बाद अंकित ने कहा कि साहब यहां खाना तो मिल रहा है पर अब सभी की हालत खराब हो चुकी है। जल्दी करो साहब अब तो सब्र खत्म होने लगा है।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 19 Nov 2023 06:30 AM (IST)
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में सात दिन से अपने 33 साथियों के साथ फंसे उत्तर प्रदेश के आठ श्रमिकों का दर्द शनिवार को उत्तर प्रदेश से आये राज्य समन्वयक अरुण कुमार मिश्रा से हुई बातचीत के दौरान छलक उठा। वॉकी-टॉकी के माध्यम से हुई बातचीत में सुरंग में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती निवासी संतोष ने कहा कि 'हमें बाहर निकालो साहब। इस तरह तो हम बच नहीं पाएंगे।'
इसी दौरान श्रावस्ती मोतीपुर के रहने वाले श्रमिक अंकित ने राज्य समन्वयक अरुण कुमार मिश्रा से अपने स्वजनों के बारे में पूछा। वह बोला कि 'साहब मेरे घर में सभी ठीक हैं ना। स्वजनों का हाल जानने के बाद अंकित ने कहा कि 'साहब यहां खाना तो मिल रहा है पर अब सभी की हालत खराब हो चुकी है। जल्दी करो साहब, अब तो सब्र खत्म होने लगा है।'
स्वजनों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है
चारधाम आलवेदर सड़क परियोजना के अंतर्गत यमुनोत्री धाम के लिए बन रही उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में रविवार 12 नवंबर की सुबह हुए भूस्खलन के बाद उत्तर प्रदेश के आठ श्रमिक भी अंदर फंसे हुए हैं। सुरंग में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों के कुल 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। राहत व बचाव अभियान में बार-बार रुकावट आने से सुरंग में फंसे श्रमिकों और बाहर उनके स्वजनों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है।सात दिन से अंदर फंसे उत्तर प्रदेश के आठ श्रमिकों में से छह श्रमिक श्रावस्ती जनपद के हैं। श्रमिकों को सकुशल निकालने के लिए चलाए जा रहे रेक्सयू अभियान की निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शनिवार को अपने अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा को राज्य समन्वयक के रूप में उत्तरकाशी भेजा गया।
खाद्य पदार्थो और दवा की आपूर्ति की जा रही
इस दौरान अरुण कुमार मिश्रा श्रमिकों से बात करने के लिए उस स्थान पर पहुंचे जहां पानी की निकासी का वह पाइप है, जो श्रमिकों के लिए जीवन रेखा बना हुआ है। इसी निकासी पाइप के माध्यम से श्रमिकों को आक्सीजन, खाद्य पदार्थो और दवा की आपूर्ति की जा रही। उनसे बातचीत भी वाकी-टाकी पर इसी पाइप के माध्यम से हो रही। इस स्थान तक पहुंचने के लिए अरुण कुमार मिश्रा ह्यूम पाइप के जरिये पहुंचे।उन्होंने इसी निकासी पाइप के जरिये एक-एक कर श्रमिकों से बात की। इसके बाद श्रावस्ती मिर्जापुर और लखीमपुर से घटना स्थल पर आये स्वजन से मुलाकात भी की। स्वजनों ने बताया कि उत्तराखंड प्रशासन की ओर से सभी स्वजन के रुकने और खाने की व्यवस्था की गई है।यह भी पढ़ें- टूट रहा सब्र का बांध, अधिकारियों के सामने रो पड़े मजदूर, कहा- …अब खतरे से खाली नहीं
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