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नवंबर खत्‍म होने को, लेकिन Uttarakhand की वादियां बर्फ विहीन; अधिकारी चिंतित

Snowless Peaks नवंबर महीने का अंत होने को है लेकिन उत्तराखंड की ऊंची हिमालयी चोटियां और बुग्याल क्षेत्र इस बार बर्फ से वंचित हैं। प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन के नेतृत्व में वन विभाग के अधिकारियों ने दयारा बुग्याल हर्षिल और गंगोत्री घाटी का निरीक्षण किया और मौसम की बेरुखी पर चिंता व्यक्त की। कम बर्फबारी का असर जल स्रोतों और नदियों पर भी पड़ेगा।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 24 Nov 2024 07:34 PM (IST)
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Snowless Peaks:मौसम की बेरुखी पर चिंता व्यक्त की। Jagran
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी । Snowless Peaks: बर्फ से ढकी रहने वाली उच्च हिमालय की अधिकांश चोटियां, बुग्याल क्षेत्र इस बार बर्फ विहीन हैं। प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन के नेतृत्व में दयारा बुग्याल सहित हर्षिल और गंगोत्री घाटी के निरीक्षण व भ्रमण के दौरान वन विभाग के अधिकारियों ने मौसम की बेरुखी पर चिंता व्यक्त की।

प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने कहा कि उन्होंने शुरुआती समय में जोशीमठ वन प्रभाग में सेवा दी हैं। नवंबर के शुरुआत में ही हाथी पर्वत सहित आसपास की चोटियां बर्फ से ढकी होती थी। कुछ दिन पहले वह जोशीमठ गए तो आसपास की चोटियां बर्फ विहीन है।

दयारा से दिखने वाली ऊंची चोटियों पर भी बहुत कम बर्फ

गत शनिवार को वह दयारा बुग्याल गए तो दयारा से दिखने वाली ऊंची चोटियों पर भी बहुत कम बर्फ दिखी। जबकि बुग्याल में भी बर्फ की चादर बिछ जानी चाहिए थी। इसी तरह की स्थिति उन्हें हर्षिल घाटी और गंगोत्री घाटी के आसपास की चोटियों पर दिखी है। बर्फ विहीन चोटियां काली नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन का सीधा असर है। कम बर्फबारी का असर जल स्रोतों और नदियों पर भी पड़ेगा।

खास गांवों का कराया जाएगा भ्रमण

उत्तरकाशी : प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने कहा कि ग्रीष्मकाल में जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाने के लिए वन विभाग अभी से जुट गया है। इस बार जनजागरूकता के लिए खास पहल की जा रही है। पिछले वर्षों में जिन गांवों के ग्रामीणों ने अपने जंगलों को आग से बचाया और पूरी तरह से सुरक्षित रखा है, उन गांवों में अन्य गांवों के ग्रामीणों का भ्रमण कराया जाएगा। जिससे अन्य गांवों के ग्रामीण भी अपने जंगलों को आग से बचाने और उनका संरक्षण करने के लिए प्रेरित हो सकें।

जंगलों को आग से बचाने की अनूठी पहल करने वाले गांवों को चिह्नित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि समुदाय का जंगलों के प्रति अपनापन कम करने के पीछे वेस्टर्न लाइफस्टाइल का प्रचलन है। भागीरथी वृत के वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा ने कहा कि 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू होता है। परंतु इस बार मौसम के कारण जनजागरूकता कार्यक्रम अभी से शुरू कर दिए हैं, जिससे शीतकाल में जंगलों में आग की घटनाएं न हों।

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