Uttarkashi Avalanche: उत्तरकाशी एवलांच में अब तक 26 पर्वतारोहियों की हुई मौत, तीन प्रशिक्षु अभी हैं लापता
Uttarkashi Avalanche उत्तरकाशी जनपद के द्रौपदी का डांडा से आज शुक्रवार को सात और लापता प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव बरामद किए गए। इस हादसे में अब मृतकों की संख्या 26 पहुंच गई है। हिमस्खलन हादसे के तीन प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं। उनकी तलाश जारी है।
By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Fri, 07 Oct 2022 08:59 PM (IST)
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: Uttarkashi Avalanche: द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी के आरोहण के दौरान हिमस्खलन में लापता प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के सात और शव शुक्रवार को बरामद किए गए।
शुक्रवार को 4 शव पहुंचाए उत्तरकाशी
इसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 26 पहुंच चुकी है, जबकि तीन प्रशिक्षु पर्वतारोही अभी भी लापता हैं। वहीं शुक्रवार को चार शव उत्तरकाशी पहुंचाए गए। शिनाख्त के साथ पोस्टमार्टम कर शव स्वजन को सौंप दिए गए।सविता के पार्थिव शरीर को दिया गार्ड आफ आनर
इससे पहले जिला अस्पताल परिसर में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल के पार्थिव शरीर को गार्ड आफ आनर दिया गया, जबकि अन्य 22 प्रशिक्षुओं के शवों को खोज-बचाव टीम ने बेस कैंप और एडवांस बेस कैंप में रखा है। मौसम अनुकूल न होने के कारण इन्हें उत्तरकाशी नहीं लाया जा सका है।
4 अक्टूबर को आया था एवलांच
बीते चार अक्टूबर को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का 42 सदस्यीय दल डीकेडी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की जद में आ गया था। हादसे में 29 पर्वतारोही हिमस्खलन की जद में आकर क्रेवास में दब गए थे, जबकि पांच घायल हुए। वहीं आठ सुरक्षित रहे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मंगलवार को ही तलाश लिए थे 4 शव
क्रेवास में दबे दो प्रशिक्षकों सहित चार के शवों को उसी दिन तलाश लिया था। बुधवार को खोज-बचाव टीम लापता प्रशिक्षुओं को तलाशने में कामयाब नहीं हुई।तीन प्रशिक्षुओं की खोज जारी
गुरुवार को खोज बचाव टीम ने देर रात तक 15 प्रशिक्षुओं के शव ढूंढ निकाले, जबकि शुक्रवार को सात शव और बरामद हुए। तीन प्रशिक्षुओं की खोज के लिए अभियान शुक्रवार देर शाम तक जारी रहा। यह भी पढ़ें: Uttarakhand Avalanche: एवलांच में जिंदा बचे पर्वतारोहियों ने बताया वो मंजर, कहा- चोटी से महज सौ मीटर दूर था दलचार शवों को पहुंचाया हर्षिल
मौसम प्रतिकूल रहने के बावजूद शुक्रवार सुबह वायु सेना की टीम ने हाई रिस्क लेते हुए चीता हेलीकाप्टर बेस कैंप डोकराणी पहुंची। यहां से चार शवों को हर्षिल पहुंचाया गया, फिर हर्षिल से इन्हें उत्तरकाशी लाया गया। यह भी पढ़ें: Avalanche In Uttarkashi: आखिर कैसे पड़ा इस चोटी का नाम द्रौपदी का डांडा? कैसे जुड़ा हुआ है ये महाभारत काल सेये शव पहुंचे उत्तरकाशी
- सविता कंसवाल, एवरेस्ट विजेता एवं निम प्रशिक्षक, निवासी उत्तरकाशी, उत्तराखंड
- नवमी रावत, निम प्रशिक्षक, भुक्की उत्तरकाशी, उत्तराखंड
- अजय बिष्ट, निवासी गोपाल धारा, धारानौला अल्मोड़ा उत्तराखंड
- शिवम कैंथला निवासी नकरंडा, जिला शिमला, हिमाचल प्रदेश