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Uttarkashi Mosque Dispute: उत्तरकाशी में बाजार खुले, शांति भंग पर तीन गिरफ्तार

Uttarkashi Mosque Dispute उत्तरकाशी मस्जिद विवाद के बीच शनिवार को जनपद के सभी बाजार शांतिपूर्ण ढंग से खुले। शांति भंग की आशंका के चलते पुलिस ने कालीकमली धर्मशाला से संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ उत्तरकाशी से जुड़े तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। इन युवकों को उपजिलाधिकारी न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 26 Oct 2024 06:13 PM (IST)
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Uttarkashi Mosque Dispute: पुलिस पर जबरन उठाने और हिंदूओं की आवाज को दबाने आरोप लगाया। जागरण
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Uttarkashi Mosque Dispute: शनिवार को उत्तरकाशी जनपद के सभी बाजार शांति पूर्ण ढंग से खुले। बाजार में खूब चहल-पहल भी दिखी। संवेदनशील स्थानों पर पुलिस भी दिखी। शांति भंग की आशंका को देखते पुलिस ने कालीकमली धर्मशाला से संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ उत्तरकाशी से जुड़े तीन युवाओं को गिरफ्तार किया।

इन तीनों को उपजिलाधिकारी न्यायालय में पेश किया। जहां से इन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इन युवाओं को गिरफ्तार किए जाने पर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ उत्तरकाशी के लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया। पुलिस पर जबरन उठाने और हिंदूओं की आवाज को दबाने आरोप लगाया।

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तीन युवा गिरफ्तार

दरअसल संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ उत्तरकाशी के जितेंद्र चौहान की ओर से शनिवार सुबह सूचना दी गई कि दोपहर 12 बजे काली कमली धर्मशाला में प्रेसवार्ता होगी। करीब साढ़े 12 बजे काली कमली धर्मशाला में संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ उत्तरकाशी से जुड़े जितेंद्र चौहान, सूरज डबराल और सोनू नेगी पहुंचे। गेट के पास पहुंचते ही पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया। जिन्हें शांति भंग होने की आशंका के मामले में उपजिलाधिकारी न्यायालय भटवाड़ी के समक्ष पेश किया।

शांति भंग मामले में इन तीनों युवाओं का गत सितंबर माह में पुलिस ने चालान किया था। गत 24 अक्टूबर को जो जुलूस निकाला गया, वह जुलूस भी इन युवाओं के नेतृत्व में आयोजित हुआ था। शनिवार को उपजिलाधिकारी न्यायालय ने तीनों युवाओं को शांति भंग की आंशका को देखते हुए सात दिन की न्यायिक हिरासत में टिहरी जेल भेज दिया।

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उत्तरकाशी में निषेधाज्ञा जारी

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में शनिवार को भी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-163 के तहत धरना, प्रदर्शन, रैली, आंदोलन इत्यादि पर निषेधाज्ञा लागू रही। नगर में संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती करते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

जिलाधिकारी ने जिले में काननू एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को पूरी एहतियात बरते जाने तथा शांति व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए निरंतर मुस्तैदी से जुटे रहने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि स्थिति की निरंतर समीक्षा की जा रही है और बीएनएसएस की धारा-163 के तहत लागू निषेधाज्ञा को हटाने के संबंध में भी उपयुक्त समय पर निर्णय लिया जाएगा।

24 अक्टूबर को हुई थी पत्थरबाजी

भले ही इन युवाओं के नाम 24 अक्टूबर को हुई पत्थरबाजी के मुकदमे में भी नामजद है। परंतु उस मामले की अभी विवेचना नहीं हुई है। उक्त तीनों पर पुलिस ने बवाल करने के मामले में भी पहले से मुकदमा दर्ज किया हुआ है। पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष एवं भाजपा नेत्री सुधा गुप्ता ने कहा कि पुलिस हिंदूओं की आवाज को कुचल रही है। जो धाराएं लगाई गई हैं, पुलिस ने जो धाराएं लगाई है वह बेहद ही गंभीर हैं। जिम्मेदार अधिकारी इस आंदोलन को कुचल रहे हैं। परंतु आंदोलन चलता रहेगा। 24 अक्टूबर को पत्थरबाजी हुई थी, वह हिंदूओं की ओर से नहीं की गई है। पुलिसकर्मियों ने महिलाओं और आंदोलनकारियों के साथ अभद्रता और गाली दी है।

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