Uttarkashi : उत्तरकाशी के इस गांव को कहा जाता है 'मिनी स्विट्जरलैंड', ग्राम प्रधान के साथ ग्रामीणों ने निभाई अनूठी भूमिका
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 75 किमी दूर समुद्रतल से 9005 फीट की ऊंचाई पर स्थित है हर्षिल। भागीरथी नदी के किनारे बसे 50 परिवारों वाले इस गांव की आबादी एक हजार है। इसमें सेना की एक टुकड़ी भी शामिल है जो चौबीसों घंटे इस सीमांत क्षेत्र में मुस्तैद रहती है। वर्ष 2019 में 45-वर्षीय दिनेश रावत ने यहां प्रधान पद की जिम्मेदारी संभाली।
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। वाइब्रेंट विलेज में शामिल हर्षिल को प्रकृति ने अप्रतिम सौंदर्य प्रदान किया है, इसीलिए हर्षिल को मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। कुछ वर्ष पहले तक उत्तराखंड का यह सुदूरवर्ती गांव सुविधाओं के अभाव और अव्यवस्था से जूझ रहा था।
इससे यहां ग्रामीणों ही नहीं, पर्यटकों को भी असुविधा होती थी। लेकिन, अब ग्राम प्रधान दिनेश रावत की युवा सोच और सरकारी मशीनरी के सहयोग से हर्षिल की तस्वीर संवर रही है। यहां मास्टर प्लान के तहत जनसुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इस मुहिम में ग्रामीण और व्यापारी भी सहयोग कर रहे हैं।
गांव की आबादी एक हजार
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 75 किमी दूर समुद्रतल से 9,005 फीट की ऊंचाई पर स्थित है हर्षिल। भागीरथी नदी के किनारे बसे 50 परिवारों वाले इस गांव की आबादी एक हजार है। इसमें सेना की एक टुकड़ी भी शामिल है, जो चौबीसों घंटे इस सीमांत क्षेत्र में मुस्तैद रहती है।वर्ष 2019 में 45-वर्षीय दिनेश रावत ने यहां प्रधान पद की जिम्मेदारी संभाली। तब अनियोजित तरीके से बनी सड़कें, पार्किंग, घर व दुकानों का निर्माण, जगह-जगह बिखरा कूड़ा और बिजली के झूलते तार हर्षिल की सुंदरता को ग्रहण लगा रहे थे।
2020 से गांव की बदलने लगी सूरत
इससे चिंतित दिनेश ब्लाक से लेकर विभिन्न विभागों के समक्ष इस मुद्दे को उठाते रहे। उनकी आवाज को बल मिला अक्टूबर 2020 में, जब तत्कालीन जिलाधिकारी मयूर दीक्षित हर्षिल पहुंचे। दिनेश ने जिलाधिकारी को हर्षिल की समस्याएं बताई और व्यवस्थित तरीके से उनके निस्तारण की मांग की। नतीजा हर्षिल ग्राम पंचायत के नेतृत्व में ईको पर्यटन प्रबंधन विकास समिति हर्षिल और होटल व पर्यटन एसोसिएशन से जुड़े व्यवसायियों की बैठक बुलाई गई।गांव में बैंक और एटीएम की भी सुविधा
इसमें हर्षिल को यूरोप की तर्ज पर टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की कार्ययोजना तैयार हुई। मुख्यमंत्री सीमांत विकास योजना के तहत शासन से भी इस योजना को हरी झंडी मिल गई।इसके बाद प्रधान दिनेश के निर्देशन में हर्षिल में विभिन्न विभागों ने काम शुरू किया और करीब डेढ़ वर्ष के अंतराल में गांव की तस्वीर बदल गई। आज गांव में बैंक और एटीएम की सुविधा के साथ पक्की सड़कें हैं। बाजार और गांव हाईमास्ट लाइट के साथ सीसीटीवी कैमरों से लैस है। पर्यटकों के लिए पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था है।
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