Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Uttarakhand: उत्तरकाशी में ट्रेकिंग के लिए एसओपी का प्रारूप तैयार, सिंगल विंडो सिस्टम के साथ होगा ट्रायल

Uttarkashi Trekking SOP उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ट्रेकिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अंतिम प्रारूप तैयार हो गया है। एसओपी में ट्रेक रूट को आसान मध्यम और कठिन श्रेणी में वर्गीकृत करते हुए उन पर ट्रेकिंग के लिए मानक किए गए हैं। इसके अलावा ट्रेकिंग एजेंसी व एग्रीगेटर के लिए भी मानक तय करने के साथ उनकी आडिटिंग के प्रविधान हैं।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 04 Oct 2024 07:32 PM (IST)
Hero Image
Uttarkashi Trekking SOP: उत्तरकाशी में ट्रैकिंग की एसओपी तैयार. Jagran

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Uttarkashi Trekking SOP: साहसिक पर्यटकों की सुरक्षा और सुगमता के दृष्टिगत उत्तरकाशी जिले में ट्रेकिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अंतिम प्रारूप तैयार कर लिया गया है। अब इसका ट्रेकिंग की आनलाइन अनुमति के लिए बनाए गए सिंगल विंडो सिस्टम के साथ परीक्षण किया जाना है। इसके बाद इसे शीघ्र अंतिम रूप देकर लागू कर दिया जाएगा।

उत्तरकाशी जिले की गंगा, यमुना व टौंस घाटी में कई आकर्षक और चुनौतीपूर्ण ट्रेक रूट मौजूद हैं। इन पर बड़ी संख्या में देश-विदेश के ट्रेकर का आवागमन वर्षभर बना रहता है। इसके चलते ट्रेकिंग व्यवसाय जिले की आर्थिकी का प्रमुख स्रोत भी बन गया है।

इस सेक्टर में कार्यरत स्थानीय लोगों व अन्य हितधारकों के साथ ही पर्यटकों की सुरक्षा, सुविधा व सुगमता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने ट्रेकिंग के लिए जिलास्तर पर एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई।

यह भी पढ़ें-Navratri 2024: देवभूमि की इस देवी की यात्रा बेहद खास, केवल पुरुष ही लेते हैं भाग

समिति में पर्यटन विभाग, वन विभाग, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, एसडीआरएफ, पुलिस, आपदा प्रबंधन आदि विभागों के अधिकारियों के साथ ही स्थानीय ट्रेकिंग व माउंटेनियरिंग संगठन के पदाधिकारी भी बतौर सदस्य शामिल किए गए।

समिति की ओर से सभी हितधारकों की राय लेने के बाद मानवीय व पर्यावरणीय सुरक्षा को विशेष महत्व देते हुए ट्रेकिंग की एसओपी का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इस प्रारूप में ट्रेक रूट को आसान, मध्यम और कठिन श्रेणी में वर्गीकृत करते हुए उन पर ट्रेकिंग के लिए मानक किए गए हैं। इसके अलावा ट्रेकिंग एजेंसी व एग्रीगेटर के लिए भी मानक तय करने के साथ उनकी आडिटिंग के प्रविधान हैं।

पहले चरण में 10 ट्रेकिंग रूट पर सुधार

जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला कार्यालय में हुई बैठक में समिति की ओर से तैयार ट्रेकिंग की एसओपी का प्रारूप प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि वन विभाग को ट्रेकिंग गंतव्य की धारण क्षमता बढ़ाने के साथ ट्रेक रूट व पड़ावों पर फाइबर हट व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके तहत प्रथम चरण में 10 प्रमुख ट्रेक रूट सुधारने को काम किया जाय।

यह भी पढ़ें- Navratri 2024: घर बैठे करें देवियों के पांच धामों के दर्शन, जुटा भक्‍तों का रेला; अद्भुत और रहस्‍यमय कहानी

जिला प्रशासन इसके लिए आवश्यकतानुसार धनराशि व अन्य संसाधनों की व्यवस्था में पूरा सहयोग करेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि एसओपी में सुरक्षा उपाय व एहतियात को सर्वोपरि रखने के साथ जिले में ट्रेकिंग को प्रोत्साहित करने के भी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस एसओपी के अनुसार ट्रेकिंग की अनुमति देने व निगरानी रखने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम में आवश्यक प्रविधान किए जाएं।

साथ ही स्थानीय ट्रेकिंग व माउंटेनियरिंग संगठनों की सहमति के अनुरूप इस व्यवस्था का परीक्षण करने के बाद जल्द लागू करने का भी प्रयास किया जाय। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, रविंद्र पुंडीर, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पांडेय, जिला पर्यटन विकास अधिकारी केके जोशी व साहसिक पर्यटन अधिकारी मोहम्मद अली खान मौजूद रहे।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें