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Uttarkashi Tunnel Collapse: टूटने लगा श्रमिकों के स्वजन के सब्र का बांध, प्रदर्शन की दी धमकी

Uttarkashi Tunnel Collapse उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों के स्वजन के सब्र का बांध टूटने लगा है। परिजनों को सुरंग के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। इससे नाराज श्रमिकों ने कहा कि बुधवार तक सभी श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला गया तो वह धरना-प्रदर्शन करेंगे। सुरंग के अंदर प्रवेश की अनुमति उन्हीं को दी जा रही है जिनके लिए कंपनी और प्रशासन ने पास जारी किए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 15 Nov 2023 09:36 AM (IST)
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उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों के स्वजन के सब्र का बांध टूटने लगा है। मंगलवार देर रात दो श्रमिक अपने भाई और रिश्तेदार की कुशलक्षेम जानने सुरंग के गेट के निकट पहुंचे। लेकिन, उन्हें सुरंग के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। इससे नाराज श्रमिकों ने कहा कि बुधवार तक सभी श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला गया तो वह धरना-प्रदर्शन करेंगे।

सुरंग के अंदर प्रवेश की अनुमति उन्हीं को दी जा रही है, जिनके लिए कंपनी और प्रशासन ने पास जारी किए हैं। मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे सिलक्यारा सुरंग के गेट पर झारखंड निवासी आदित्य और जगन्नथ महाकु पहुंचे। आदित्य ने कहा कि वह सुरंग में काम करते हैं। उनका भाई गुणोधर निवासी मणिकपुर बाराबोतला (झारखंड) और विशेसर नायक निवासी जोगीबंद मयूरबंज (ओडिशा) सुरंग के अंदर फंसे हैं। सुरंग घर में स्वजन को रो-रोकर बुरा हाल है।

बात कराएं नहीं तो करेंगे प्रदर्शन

आदित्य रविवार सुबह से मांग कर रहे हैं कि सुरंग में फंसे गुणोधर और विशेसर से बात करवाई जाए, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। घर वाले लगातार फोन कर रहे हैं। जगनाथ महाकु ने बताया, केवल यही जानकारी मिल रही है कि सुरंग के अंदर पाइप के जरिये खाना दे रहे हैं और बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार तक सभी श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला गया तो वह धरना-प्रदर्शन करेंगे।

श्रमिकों के लिए भेजा खैनी, गुटखा और बीड़ी

सिलक्यारा सुरंग में जो श्रमिक फंसे हैं, उन्हें पानी निकासी के पाइप के जरिये चने, चिप्स, मुरमुरे, ड्राई फ्रूट और ऑक्सीजन भेजी जा रही हैं। मंगलवार शाम श्रमिकों ने खैनी, गुटखा और बीड़ी की भी मांग की। जिसके बाद राहत व बचाव कार्य में जुटे श्रमिकों ने उन्हें पाइप के माध्यम से खैनी, गुटखा और बीड़ी भेजा।

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पेयजल निगम के महाप्रबंधक कर रहे ड्रिलिंग प्रक्रिया की अगुआई

सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन स्थापित की गई है, जिससे स्टील के पाइप स्थापित कर एस्केप टनल बनाई जानी है। उत्तराखंड पेयजल निगम के महाप्रबंधक व ड्रिलिंग और बोरिंग के विशेषज्ञ दीपक मलिक इस अभियान के तकनीकी पक्ष और ड्रिलिंग प्रक्रिया की अगुवाई कर रहे हैं।