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सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाएगी ‘संकटमोचक’ मशीन, पीएमओ ने दिल्ली से भिजवाया; तीन हरक्यूलिस विमानों से आया सामान

Uttarkashi Tunnel Accident - पीएमओ के निर्देश पर वायु सेना के तीन हरक्यूलिस विमान से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन नई दिल्ली से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाई गई। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से 32 किलोमीटर दूर सिल्क्यारा तक ट्रेलर में पहुंचाने का कार्य गतिमान है। माना जा रहा है कि यह मशीन सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए संकटमोचक साबित होगी।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Wed, 15 Nov 2023 08:16 PM (IST)
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वायु सेवा के हरक्यूलिस विमान से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन को दिल्ली से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाया गया।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। चारधाम ऑल वेदर परियोजना की सिल्क्यारा सुरंग में पिछले चार दिनों से फंसे 40 श्रमिक जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इन्हें सुरक्षित बचाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी पहल की है। 

पीएमओ के निर्देश पर वायु सेना के तीन हरक्यूलिस विमान से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन नई दिल्ली से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाई गई। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से 32 किलोमीटर दूर सिल्क्यारा तक ट्रेलर में पहुंचाने का कार्य गतिमान है। माना जा रहा है कि यह मशीन सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए संकटमोचक साबित होगी।

50 मीटर पाइपों की एस्केप टनल

एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको ने कहा कि बुधवार रात तक हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन स्थापित हो पाएगी। मशीन के संचालित होने पर करीब 50 मीटर पाइपों की एस्केप टनल तैयार हो पाएगी।

इस मशीन के जरिए प्रति घंटे पांच मीटर मलबा को पार किया जा सकेगा। वहीं, सिल्क्यारा में सुरंग के बाहर परिजनों व श्रमिकों की सब्र का बांध भी टूटता दिखा। करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा।

मंगलवार की रात खराब हो गई थी मशीन

मंगलवार की रात को सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन का संचालन शुरू किया गया था। करीब तीन मीटर तक मलबा पार करने के बाद मशीन का एक कलपुर्जा खराब हुआ और खोज बचाव अभियान में बाधा उत्पन्न हुई। रात की प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट शासन और पीएमओ को दी और हाई ड्रिलिंग मशीन की मांग की। 

पीएमओ के निर्देश पर बुधवार को नई दिल्ली के पालमपुर एयरपोर्ट से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन के पार्ट्स को लेकर तीन हरक्यूलिस विमान चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचे। यह हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन 25 टन भरी है। जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी। 

नॉर्वे और थाईलैंड की विशेषज्ञ टीमों की मदद

सिल्क्यारा में मीडिया से बातचीत में एनएचआईडीसीएल के डायरेक्टर एवं सीएफओ अंशु मनीष खलको ने कहा कि हाई पावर ड्रिलिंग मशीन नई तकनीक की मशीन है। इस मशीन के जरिये उन्हें पूरी उम्मीद है कि एस्केप टनल तैयार हो जाएगी। इसके लिए प्लेटफार्म तैयार किया गया है। अंशी मनीष खलको ने बताया कि इंटरनेट मीडिया के जरिये नॉर्वे और थाईलैंड की विशेषज्ञ टीमों की मदद ली जा रही है। जिन विशेषज्ञों ने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकालने में मदद की थी।

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