Uttarkashi Tunnel Collapse: 42 से 45 मीटर का हिस्सा बना चुनौती, बार-बार खराब हो रही मशीन; बंधी है आस
Uttarkashi Tunnel Collapse उत्तरकाशी टनल हादसे का समय लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को श्रमिकों के बाहर आ जाने की उम्मीद थी लेकिन एक बार फिर से मशीन खराब हो गई। गुरुवार को एक बार फिर से रेस्क्यू रोक दिया गया। बता दें कि पिछले 12 दिन से सुरंग के अंदर 41 मजदूर फंसे हैं। इन्हें निकालने के लिए लगातार प्रशासन जुटा हुआ है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 24 Nov 2023 09:13 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, उत्तरकाशी। सिल्क्यारा सुरंग में राहत व बचाव कार्यों में जुटे विशेषज्ञों की टेलीस्कोपिक विधि से सुरंग में श्रमिकों की निकासी के लिए पाइप डालने के दौरान 22 से 45 मीटर के बीच बाधा आने की आशंका सही साबित हुई। इस दूरी में दो बार ड्रिलिंग रोकी गई। दोनों बार मशीन के सामने लोहे की मोटी राड आई थी।
नतीजतन, गुरुवार शाम तक श्रमिकों तक नहीं पहुंचा जा सका। हालांकि, पहले उम्मीद यही थी कि श्रमिकों को बुधवार-गुरुवार मध्य रात्रि में निकाल लिया जाएगा। अब लोहे की इन राड को काटने के बाद ही पाइप के आगे जाने का रास्ता बनाया जा रहा है। पाइप के दूसरे छोर पर पहुंचने के बाद इसकी सही प्रकार से धुलाई कर साफ किया जाएगा, ताकि श्रमिकों को बाहर निकालने वाले स्ट्रेचर को आसानी से पाइप में गुजारा जा सके।
टेलीस्कोपिक विधि बनी मददगार
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए बनाई जा रही निकासी सुरंग को लेकर बचाव कार्यों में जुटी एजेंसियों ने पहले यहां से 900 एमएम व्यास के पाइप डाले थे। एक पाइप की लंबाई छह मीटर है। यह चार ही पाइप डाले गए थे कि सामने बाधा आने के कारण 17 नवंबर को काम रोक देना पड़ा। इसके बाद इन्हीं 900 एमएम के पाइप के भीतर से टेलीस्कोपिक विधि के माध्यम से 800 एमएम व्यास के पाइप डालकर ड्रिलिंग का निर्णय लिया गया। यह कार्य मंगलवार को शुरू हुआ था।पाइप डालने में आ रही दिक्कत
एजेंसियां यह मान रही थी कि शुरुआती 22 मीटर तक पाइप को डालने में कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सबसे अधिक बाधा 22 से 45 मीटर के बीच पाइप डालने में सकती है। यह आशंका बिल्कुल सही साबित हुई, जब बुधवार को ड्रिलिंग के दौरान 42 मीटर पर पाइप अटक गया। जांच की गई तो पाया गया कि पाइप की राह में लोहे की मोटी राड रोड़ा अटका रही है। इस पर बुधवार रात ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा।
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मजदूरों के रेस्क्यू में लगातार आ रही अड़चन
गुरुवार को ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड की टीम ने इस पाइप को काट दिया। काम फिर आरंभ हुआ तो एक ओर राड पाइप के सामने आई। इसे हटाने को देर शाम तक कार्य चलता रहा। उम्मीद की जा रही है कि आगे अब इस तरह की दिक्कत नहीं आएगी। यदि ऐसा हुआ तो कुछ ही घंटों में 800 एमएम के तीन और पाइप डाले जाने का कार्य सकुशल निपट जाएगा। फिर इन पाइपों के जरिये मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
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