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Uttarakhand Tunnel Rescue: ड्रिलिंग का काम रुका, इंदौर से आज पहुंचेगी स्पेशल मशीन; जानिए कितना लगेगा समय

Uttarakhand Tunnel Rescue उत्तरकाशी टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल रोक दिया गया है। एक शीर्ष के अधिकारी ने बताया कि सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए चल रहा ड्रिलिंग कार्य शनिवार को रोक दिया गया था क्योंकि बचाव दल मलबे में 25 मीटर तक पहुंच गए हैं। फिलहाल रेस्क्यू में खई दिक्कतें आ रही हैं।

By AgencyEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 18 Nov 2023 01:57 PM (IST)
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सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने की कोशिश जारी

एजेंसी, उत्तरकाशी। सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान में लगातार चुनौती पेश आ रही है। शनिवार को सुरंग में ड्रिलिंग कार्य को रोक दिया गया। दरअसल, सुरंग बनाने के लिए पाइप बिछाने के दौरान एकाएक सुरंग के भीतर पहाड़ दरकने की तेज आवाज सुनाई दी। इससे बचाव दल के सदस्यों व अन्य व्यक्तियों में हड़कंप मच गया। इसको देखते हुए ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है।

एक शीर्ष के अधिकारी ने बताया कि सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 40 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए चल रहा ड्रिलिंग कार्य शनिवार को रोक दिया गया था, क्योंकि बचाव दल मलबे में 25 मीटर तक घुस गए थे। गौरतलब है कि, दीपावली के दिन निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद से शनिवार तक मजदूर छह दिनों से फंसे हुए हैं। आज सातवें दिन भी इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए कोशिश जारी है।

ड्रिलिंग का कार्य है बंद

सुरंग बनाने वाली कंपनी एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष खुल्को ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग का कार्य फिलहाल निलंबित है। इसे रोकने के पीछे का कारण मशीन की खराबी नहीं है।

Speaking to ANI Anshu Manish Khulko, Director of the tunnel-making company NHIDCL, said that at present the drilling work in the tunnel has stopped.… pic.twitter.com/ZhNAsdAtRX— ANI (@ANI) November 18, 2023

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Tunnel Rescue: 40 नहीं टनल में फंसे है 41 श्रमिक, रेस्क्यू की कोशिश है जारी; पहाड़ दरकने की आवाज से मची अफरातफरी

अंशू मनीष खुल्को ने बताया कि इस सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए पाइपलाइन डालने का काम पिछले तीन दिनों से चल रहा था। अब तक केवल 25 मीटर पाइप बिछाने का काम पूरा हुआ है। लगातार जारी रेस्क्यू में कई मुसीबतें आ रही हैं। कभी मशीन खराब हो रही है, तो कभी सुरंग भसक रही है।

इंदौर से आ रही है मशीन

उत्तरकाशी में चल रहे इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर जानकारी देते हुए कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि ढह गई सुरंग के 40 मीटर तक शॉटक्रेटिंग (कंक्रीट छिड़काव) के साथ खुदाई का काम चल रहा है और 10 मीटर पर एक गुहा बन गई है। यहां रास्ता बनाने का काम किया जा रहा है। पाइप डाली जा रही है, जिससे फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश के इंदौर से मांगी गई एक और हेवी-ड्यूटी ड्रिलिंग मशीन शनिवार को पहुंचेगी।

एनएचआईडीसीएल कर रही है टनल का निर्माण

अधिकारी ने बताया कि एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक के शनिवार को घटना स्थल पर पहुंचने की उम्मीद है। निदेशक आएंगे और ऑपरेशन का जायजा लेंगे और जानकारी देंगे। एनएचआईडीसीएल वह कंपनी है जो इस टनल को बना रही है। 4531 मीटर लंबी सिल्क्यारा सुरंग सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की चारधाम परियोजना का हिस्सा है और राडी पास क्षेत्र के तहत गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ेगी। बता दें कि इस टनल को बनाने की लागत 853.79 करोड़ रुपये है।

पहुंचे पीएमओ के अधिकारी

शनिवार सुबह पीएमओ की टीम ने यहां पहुंचकर विशेषज्ञों के साथ बैठक कर सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के विकल्‍पों पर विचार किया। पीएमओ में सलाहकार भाष्‍कर खुल्‍वे और मंगेश घिल्‍ड‍ियाल के नेतृत्‍व में विशेषज्ञ टीम ने ड्रिल करके श्रमिकों तक पहुंचने के लिए चार स्‍थान चिह्न‍ित किए हैं। सुरंग के भीतर पहाड़ी से मलबा आने से वहां काम कर रहे 41 श्रमिक 12 नवंबर से फंसे हुए हैं। उन तक पाइप के माध्‍यम से ऑक्‍सीजन और खाद्य पदार्थ पहुंचाए जा रहे हैं।

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