Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Uttarkashi Tunnel Collapse: रेस्क्यू ऑपरेशन में आई बाधा, खराब हुई ड्रिलिंग मशीन; 72 घंटे से फंसे हैं 40 मजदूर

Uttarkashi Tunnel Collapse उत्तरकाशी सुरंग हादसे में लगातार 72 घंटे से 40 मजदूर फंसे हुए हैं। इन्हें सही सलामत बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है लेकिन इसमें कई बाधाएं भी आ रही हैं। ऑगर ड्रिलिंग मशीन से एस्केप टनल तैयार करने का काम शुरू हुआ। मशीन के जरिये मलबे के बीच करीब तीन मीटर पाइप भी डाला गया।अचानक मशीन में तकनीकी खराबी आ गई।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 15 Nov 2023 08:03 AM (IST)
Hero Image
उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के अंतर्गत यमुनोत्री राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद तीन दिन से फंसे सभी 40 श्रमिक सुरक्षित हैं। इन श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे खोज बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है। पहले कैविटी वाले क्षेत्र से लगातार गिरा और मलबे ने राह रोकी।

मंगलवार की रात ऑगर ड्रिलिंग मशीन से एस्केप टनल तैयार करने का काम शुरू हुआ। मशीन के जरिये मलबे के बीच करीब तीन मीटर पाइप भी डाला गया।अचानक मशीन में तकनीकी खराबी आ गई। भले ही यह बताया जा रहा है कि मशीन के कुछ कलपुर्जे टूट गए हैं। रात्रि ड्यूटी इंचार्ज इंजीनियर अमन बिष्ट ने कहा कि रात के समय जब ऑगर ड्रिलिंग मशीन का संचालन शुरू हुआ तो मशीन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई। अब दूसरी ऑगर ड्रिलिंग मशीन बनाई जा रही है।

दीपक पाटिल ने संभाला मोर्चा

इस मशीन से भूस्खलन के मलबे के बीच 800 मिमी व्यास के छह मीटर लंबाई वाले 11 स्टील पाइप बिछाए जाने हैं। प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि अगले 24 घंटे में सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। इस कार्य के लिए सरकार की ओर से सेना के कर्नल दीपक पाटिल को विशेष रूप से उत्तरकाशी बुलाकर राहत व बचाव अभियान की कमान सौंपी गई है। कर्नल पाटिल मंगलवार सुबह ही सेना के हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंच गए और जिम्मेदारी संभाल ली। सर्वप्रथम उन्होंने सुरंग के आसपास के क्षेत्र को सील करा दिया, ताकि बचाव कार्य में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

सीएम धामी लगातार ले रहे हैं अपडेट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार बचाव अभियान की जानकारी ले रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी से फोन पर अपडेट लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी इस संबंध में लगातार अपडेट लिया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: Uttarkashi Tunnel Collapse: क्या कमजोर पहाड़ है सुरंग हादसे का जिम्मेदार? या कुछ और…! इंजीनियर ने कही ये बात

भूस्खलन से फंसे श्रमिक

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की देखरेख में बन रही सिलक्यारा सुरंग में रविवार सुबह साढ़े पांच बजे भूस्खलन हो गया था। इससे रात्रि पाली में सुरंग में काम करने गए 40 श्रमिक भीतर ही फंसे रह गए। साढ़े चार किमी लंबी सुरंग में प्रवेश द्वार से 205 मीटर अंदर की तरफ भूस्खलन हुआ, जिसका दायरा लगभग 55 मीटर है। श्रमिक इसके आगे 2000 मीटर क्षेत्र में फंसे हुए हैं। उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए सरकारी मशीनरी युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही है। श्रमिकों को सुरंग में बिछे पानी निकासी के पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन और खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जा रही है। राहत व बचाव अभियान के लिए राज्य सरकार ने सेना के कर्नल दीपक पाटिल को सिलक्यारा बुला लिया है।

दो श्रमिकों की बिगड़ी तबीयत

सुरंग में फंसे 40 में से दो श्रमिक की तबीयत मंगलवार को बिगड़ गई। बताया गया कि एक को सिरदर्द की शिकायत है, जबकि दूसरे को उल्टी होने के साथ चक्कर आ रहे हैं। चिकित्सकों के परामर्श के बाद श्रमिकों के लिए पाइप के माध्यम से दवा भेजी गई। प्रशासन ने श्रमिकों की चिकित्सकों से बात भी कराई। चिकित्सकों ने श्रमिकों से कहा कि घबराएं नहीं और कोई भी परेशानी होने पर तत्काल उस बारे में बताएं। बचाव अभियान के समन्वयक उत्तरकाशी के मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने कहा कि सुरंग में फंसे शेष श्रमिकों की तबीयत स्थिर है।