Uttarkashi Tunnel Rescue: पाइप आगे नहीं बढ़े तो इन्हीं के भीतर बनाई जाएगी ड्रिफ्ट टनल, इस योजना का खाका भी है तैयार
सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए विभिन्न कार्ययोजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें पहले मुख्य सुरंग के भीतर की दो कार्ययोजनाओं पर आगे बढ़ा जा रहा था जिसमें अब तीसरी कार्ययोजना भी जुड़ गई है। मुख्य सुरंग से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए पहली कार्ययोजना मैनुअल ड्रिलिंग कर जगह बनाते हुए मशीन की सहायता से पाइप को भीतर पुश करने की है।
विकास गुसाईं, उत्तरकाशी। चारधाम आल वेदर रोड परियोजना के अंतर्गत सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को मुख्य सुरंग से ही बाहर निकालने को एक और कार्ययोजना बनाई गई है। यह योजना एस्केप टनल के भीतर ड्रिफ्ट टनल बनाने की है। इस पर कार्य तब शुरू किया जाएगा, जब मशीन से पुश करने के बाद भी पाइप भीतर की ओर नहीं खिसकेंगे। ड्रिफ्ट टनल बनाने के लिए सुरंग के बाहर रखे पाइप का सहारा लिया जाएगा। इनके 10 से 12 इंच के लंबवत टुकड़े काटकर सुरंग के भीतर डाले गए पाइप के अंतिम छोर पर ले जाए जाएंगे और फिर इन्हें वेल्ड कर पाइप से जोड़ा जाएगा।
सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए विभिन्न कार्ययोजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें पहले मुख्य सुरंग के भीतर की दो कार्ययोजनाओं पर आगे बढ़ा जा रहा था, जिसमें अब तीसरी कार्ययोजना भी जुड़ गई है। मुख्य सुरंग से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए पहली कार्ययोजना मैनुअल ड्रिलिंग कर जगह बनाते हुए मशीन की सहायता से पाइप को भीतर पुश करने की है। इस दौरान श्रमिक पाइप के भीतर ही रहेंगे, जो यह बताएंगे कि आगे पुश करने पर कोई बाधा तो नहीं आ रही है। यह काम विशेष सावधानी से किया जाएगा। यह कार्य शुरू किया जा चुका है।
मुख्य सुरंग से दूसरी कार्ययोजना सुरंग के दाहिनी ओर से ड्रिफ्ट टनल बनाने की है। इसके लिए सेना की कार्ययोजना के अनुसार दो गुणा दो मीटर के ब्लाक बनाए जा रहे हैं, जिन्हें मलबा हटाते हुए भीतर की ओर धकेला जाएगा। इस योजना के अंतर्गत अभी ब्लाक बनाने का कार्य चल रहा है।तीसरी कार्ययोजना सुरंग में डाले गए लगभग 49 मीटर पाइप के भीतर से ही ड्रिफ्ट टनल बनाने की है। यह टनल भी मैनुअली बनाई जाएगी। इस पर काम तब शुरू किया जाएगा, जब अभी तक डाले गए पाइप को आगे पुश करने का प्रयास सफल नहीं होगा अथवा वह कुछ भीतर जाने के बाद कतिपय कारणों से रुक जाता है।
ऐसे में रैट माइनर्स सुरंग में एक से डेढ़ मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग करेंगे। इसके बाद इस स्थान पर एक विशेष सीमेंटिंग स्प्रे किया जाएगा ताकि यहां से मलबा नीचे न गिरे। इसके बाद ड्रिफ्ट बनाने के लिए बाहर पाइप को 10 से 12 इंच के तीन लंबवत टुकडों में काट कर पाइप के भीतर काम कर रहे कार्मिकों तक भेजा जाएगा, जो इन्हें एंगल वेल्ड कर पाइप के अग्रिम सिरे में जोड़ेंगे।
इसी तरह धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए फंसे श्रमिकों तक पहुंचा जाएगा। सिलक्यारा में बचाव कार्यों के लिए शासन की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी सचिव डा नीरज खैरवाल ने बताया कि इस ड्रिफ्ट टनल को बनाने का कार्य उस स्थिति में किया जाएगा, जब पाइप को पुश नहीं किया जा सकेगा। अन्यथा मैनुअल माइनिंग कर पाइप को पुश करके ही आगे बढ़ा जाएगा।