Uttarkashi Tunnel Rescue Update: मजदूरों को बचाने के लिए सेना ने संभाला मोर्चा, बचाव अभियान की ड्रोन कैमरों से हो रही निगरानी
Uttarakhand Tunnel Collapse Today LIVE Updates: सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिकों की जान जोखिम में है। रेस्क्यू की राह में कई तरह के अवरोध आ रहे हैं। जो मशीनें खोज बचाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचाई जा रही हैं, उन्हें सिलक्यारा पहुंचने में बदहाल सड़कों से जिल्लत झेलनी पड़ रही है। फिर भी रेस्क्यू जारी है, जल्द ही मजदूर बाहर आएंगे…
सीवर में काम करने वाले श्रमिकों की ली जा रही मदद
सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियाना जारी है। बचाव अभियान के दौरान मुंबई के सीवर में काम करने वाले श्रमिकों की भी मदद ली जा रही है। बताया जा रहा है कि वे दमघोंटू वातावरण में कार्य करने में अभ्यस्त होते हैं। ऐसे ही श्रमिकों की इस सुरंग में जरूरत है।
मैनुअल ड्रिलिंग के लिए 30 जवान मौके पर मौजूद
भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के एक इंजीनियर समूह को सिल्कयारा सुरंग में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए बुलाया गया। बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए इंजीनियर रेजिमेंट के 30 जवान मौके पर मौजूद हैं।
ड्रोन कैमरों से बचाव अभियान की निगरानी
सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। इसकी निगरानी के लिए विशेषज्ञ ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर रहे हैं। सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को भोजन, दवा समेत सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं। सभी की सुरक्षा के लिए कड़ी सावधानियां बरती जा रही है।
19.2 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग
उत्तरकाशी सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए 19.2 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग की गई। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) एमडी अहमद ने कहा कि लगभग 19.2 मीटर की ड्रिलिंग पूरी कर ली गई है। चार दिनों के भीतर यानी करीब 86 मीटर की ड्रिलिंग करनी है। उम्मीद है आगे कोई समस्या नहीं आएगी और काम समय पर पूरा हो जाएगा।
कंपनी ने बुलाए रेट माइनर्स
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के बचाव कार्यों में रेट माइनर्स की संज्ञा उन्हें दी जा रही है, जिनके पास तंग सुरंगों में हाथ से उपकरणों के जरिये से खोदाई करने में विशेषज्ञता है। रेट माइनिंग कोयले की खदानों में प्रयुक्त होने वाला शब्द है, जहां चूहों अथवा छोटे बच्चों से खोदाई करा कर कोयला निकालने को छोटी सुरंग बनाई जाती है।
मैनुअल तरीके से सुरंग खोदने पर भी हो सकता है काम
सेना भी मुख्य सुरंग से ड्रिफ्ट टनल पर तेजी से कर रही है काम
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए सभी विकल्पों पर कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है। बचाव कार्य में लगी एजेंसियों की नजर में अभी भी मुख्य सुरंग से टेलीस्कोपिक विधि से बनाई जा रही एस्केप टनल ही सबसे सुरक्षित व सबसे तेजी से श्रमिकों तक पहुंचने का विकल्प है।
सुरंग के भीतर से भी हो सकता है बाहर निकलने का प्रयास
सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने की यदि कोई योजना परवान नहीं चढ़ी तो फिर सुरंग के भीतर से ही श्रमिकों द्वारा अंतिम विकल्प के तौर पर बाहर निकलने के लिए प्रयास शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि इसे अंतिम विकल्प के रूप में रखा गया है। सुरंग के भीतर सर्वेयर समेत तीन से चार विशेषज्ञ हैं, जो इस कार्य को अंजाम देने में सक्षम हैं। इस विषय में उनकी बचाव कार्यों में लगे विशेषज्ञों से बातचीत भी हो चुकी है।
मुख्य सुरंग ही श्रमिकों को निकालने की सबसे सुरक्षित
सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए सरकार इस समय सात योजनाओं पर काम कर रही है। इनमें सबसे अहम व मुख्य योजना अभी भी मुख्य द्वार से पाइप डालकर श्रमिकों को निकालने की है। कारण यह कि यहां से फंसे हुए श्रमिकों की दूरी केवल 10 से 12 मीटर है। इस योजना के अंतर्गत रेट माइनर्स हाथों से औजारों का प्रयोग कर मलबा हटाते हुए सुरंग बनाने का कार्य करेंगे।
अभियान में शामिल हुई कोल इंडिया की चार सदस्सीय टीम
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल निकालने में 25 से अधिक एजेंसियां काम कर रही हैं। इसी खोज बचाओ अभियान में अब नागपुर से आई कोल इंडिया लिमिटेड की चार सदस्सीय टीम सिलक्यारा पहुंची है। यह टीम वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद श्रमिकों को बाहर निकलने वाले कैप्सूल का डिजाइन तैयार कर रही है। इस टीम में चार विशेषज्ञ आए हैं। कोल इंडिया के विशेषज्ञों के अनुसार, वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद स्टील के मजबूत कैप्सूल के अंदर खड़े होकर श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा।
8 इंच की पाइप लाइन की ड्रिलिंग 70-80 मीटर तक पूरी
आठ इंच की पाइपलाइन की ड्रिलिंग करीब 70-80 मीटर तक हो गई और उसे रोक दिया गया है। वहीं, 1.2 मीटर व्यास वाली पाइपलाइन की ड्रिलिंग करीब 20 मीटर तक की गई है।
प्लाज्मा कटर और लेजर कटर को सिल्क्यारा टनल भेजा
ऑगर मशीन को काटने के लिए एक प्लाज्मा कटर और लेजर कटर को सिल्क्यारा लाया गया। देर रात देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी पुलिस प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर प्लाज्मा कटर और लेजर कटर को सिल्क्यारा टनल में भेजा।
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू
ऑगर मशीन हटाने की प्रक्रिया जारी है। प्लाज्मा कटर मशीन से काटकर ऑगर मशीन को हटाया जा रहा है।
17 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी
पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी है। अब तक 17 मीटर ड्रिलिंग हो चुकी है।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को दिए जा रहे हैं सॉलिड फूड व फल
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को नियमित सॉलिड फूड व फल भी दिए जा रहे हैं। यह भोजन 57 मीटर लंबे व छह इंच मोटी स्टील की पाइप के जरिये दिया जा रहा है। भोजन के पैकेट को रस्सियों पर बांधा जा रहा है। रस्सी के जरिये पाइप के अंदर से भोजन श्रमिकों तक पहुंचाया जा रहा है। श्रमिक के पास रस्सी का दूसरा छोर है। भोजन के पैकेट बंध जाने के बाद सुरंग में फंसे श्रमिक रस्सी खींचते हैं फिर धीरे-धीरे भोजन के पैकेट व अन्य सामग्री दूसरी ओर जाता है।
"मैं नहीं चाहता कि मेरा बेटा सुरंग में काम करें", सुरंग में फंसे मजदूर के पिता बोले
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूर के पिता ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मेरा बेटा अब सुरंग में काम करे।
"I do not want my son to work in tunnel," says father of worker trapped in Uttarkashi
— ANI Digital (@ani_digital) November 26, 2023
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वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए की गई थी दो जगहों की पहचान
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए कई विकल्पों में से एक वर्टिकल ड्रिलिंग है। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए दो जगहों की पहचान की गई थी और दोनों ही ऊंचाई वाली निर्माणाधीन सुरंग सिलक्यारा के किनारे पर हैं। एसजेवीएन ने लगातार बचाव प्रयासों के 15वें दिन पहाड़ी के ऊपर सुरंग के शीर्ष पर वर्टिकल ड्रिलिंग कार्य शुरू कर दिया है। वहीं दूसरे विकल्प के तौर पर सुरंग के ऊपर दूसरे हिस्से में वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है।
15 मीटर से अधिक पूरी हुई वर्टिकल ड्रिलिंग
उत्तरकाशी। वर्टिकल ड्रिलिंग 15 मीटर से अधिक पूरी हुई। अभी चार दिन का समय और लगेगा। दूसरी तरफ प्लाज्मा कटर से औगर के फंसे पार्ट को काटा जा रहा। कल तक यह काम पूरा हो जाएगा। साथ ही सुरंग के बाकी हिस्से पर मैनुअल ड्रिलिंग में ट्रेंचलेस के श्रमिक मोर्चा संभालेंगे। आर्मी को ड्रिफ्ट टनल का काम दिया गया, जो मलबे के भाग से सुरंग के दाएं भाग से शुरू किया जाएगा।
जल्द ही मैन्युअल एस्केप टनल बनाने का कार्य हो जाएगा शुरू
उत्तरकाशी। सुरंग में बनाई जा रही एस्केप टनल के अंदर फंसे औगर मशीन के कलपुर्जे को काटने का कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि सोमवार सुबह तक से मैन्युअल एस्केप टनल बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा।
नागपुर से कोल इण्डिया लिमिटेड की टीम भी पहुंची सिलक्यारा उत्तरकाशी, कैप्सूल कर रही डिजाइन
उत्तरकाशी। सिलक्यारा खोज बचाओ अभियान में नागपुर से कोल इण्डिया लिमिटेड की टीम भी सिलक्यारा उत्तरकाशी पहुंची है। यह टीम वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद श्रमिकों को बाहर निकलने वाले कैप्सूल का डिजाइन कर रही है। इस टीम में चार विशेषज्ञ आए हैं।
सुरंग में फंसे मजदूरों को लंच में भेजे गए दाल, चावल, रोटी व सब्जी
उत्तरकाशी। सुरंग में फंसे श्रमिकों को आज नाश्ते में ब्रेड, दलिया, जैम दिया गया। जबकि लंच में सब्जी, दाल, रोटी और चावल भेजे गए हैं।
बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक चार किमी लंबी सड़क बना रही बीआरओ
उत्तरकाशी। बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक करीब 4 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का कार्य बीआरओ ने शुरू कर दिया है। बीआरओ के ओसी मेजर नमन ने बताया कि बड़कोट की ओर से बीआरओ ने करीब 1 किलोमीटर की सड़क तैयार कर दी है। आगे सड़क बनाने की कार्यवाही चल रही है। बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य ओएनजीसी को सौंपा गया है। इससे पहले बीआरओ ने सिलक्यारा की तरफ 1.2 किलोमीटर सड़क का निर्माण 48 घंटे में किया।
मैनुअल ड्रिलिंग के लिए उत्तरकाशी पहुंची सेना की विशेष टीम
उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए सेना की विशेष टीम उत्तरकाशी पहुंची। साथ ही मुंबई में सीवर साफ करने वाली कंपनी से भी टीम बुलाई गई है। मैनुअल ड्रिलिंग में दोनों टीमें अग्रणी भूमिका में रहेंगी।
मैन्युअल ड्रिलिंग में सहयोग करेगी आर्मी, सुरंग में पहुंचाई गई नैनो जेसीबी
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी की जारी है। इसके लिए एस्केप टनल में औगर मशीन के फंसे कलपुर्जे को काट कर निकाला जा रहा है। मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी 201 इंजीनियरिंग रेजीमेंट को दी गई है। रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि मैन्युअल ड्रिलिंग में आर्मी सहयोग करेगी। इंजीनियरिंग रेजीमेंट ने एक नैनो जेसीबी भी सुरंग में पहुंचाई है। यह जेसीबी खुदान के दौरान वाइब्रेशन काम करती है।
सिलक्यारा सुरंग के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई BRO अधिकारी के वाहन
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग के पास बीआरओ के किसी अधिकारी के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना। बताया जा रहा है कि अधिकारी सुरंग क्षेत्र की तरफ आ रहे थे।
युद्ध स्तर पर जारी है बचाव अभियान, कुछ मीटर की दूरी पर हैं मजदूर
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन से 15 दिन से 41 मजदूर फंसे हुए हैं। एक पखवाड़े खोज बचाव टीम रेस्क्यू अभियान जारी रखे हुए है। इस दौरान कई बाधाएं समाने आयी। इन बाधाओं ने निपटने में खोज बचाव टीम युद्ध स्तर जुटी रही। अब भारतीय सेना के जांबाज भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और कार्य तेजी से जारी है। मजदूरों तक पहुंचने में महज कुछ ही मीटर की दूरी है।
मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी, आर्मी इंजीनियरिंग टीम को दी गई जिम्मेदारी
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी की जारी है। इसके लिए एस्केप टनल में औगर मशीन के फंसे कलपुर्जे को काटकर निकाला जा रहा है। मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी आर्मी इंजीनियरिंग टीम को दी गई है।
Uttarkashi Tunnel Rescue operation: होरिजेंटल ड्रिलिंग में बैकअप प्लान के लिए मंगाई गई मैग्ना कटर
उत्तरकाशी। होरिजेंटल ड्रिलिंग में बैकअप प्लान के लिए ओएनजीसी ने विजयवाड़ा के पास नरसिंहपुर से मैग्ना कटर मशीन भी मंगाई है जो 4000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पैदा करती है। सुरंग के भीतर फिलहाल प्लाज्मा कटर मशीन से औगर मशीन के बेकार हिस्से को काटकर निकाला जा रहा है। जरूरत पड़ी तो मैग्ना कटर का इस्तेमाल होगा। मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए विशेष कंपनी के लोगों को बुलाया गया है।
सीएम धामी ने श्रमिक के परिजन से की मुलाकात
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर निवासी श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे।
#WATCH चंपावत: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर निवासी श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2023
(पुष्कर सिंह ऐरी सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों में से एक हैं।) pic.twitter.com/DCGuHGU3N4
Uttarkashi Tunnel Update: जल्द शुरू होगी मैन्युअल ड्रिलिंग
उत्तरकाशी। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेगी।
#WATCH उत्तरकाशी, उत्तराखंड: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेगी। pic.twitter.com/G5qm5CR2zw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2023
हैदराबाद से लाई गई प्लाज्मा मशीन ने कार्य करना किया शुरू- सीएम धामी
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "हैदराबाद से जो प्लाज्मा मशीन लाई गई है, उसने काम करना शुरू कर दिया है। कटाई तेजी से चल रही है। अब कुल 14 मीटर की दूरी शेष बची हुई है जो अगले कुछ घंटों में पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू होगा।"
Uttarkashi Tunnel Rescue Update: ऑगर से पेंच काटने में जुटी टीम
Uttarkashi Rescue Update: सिलक्यारा में वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर असमंजस की स्थिति
उत्तरकाशी। सिलक्यारा में वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर असमंजस की स्थिति है। सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड के अधिकारी बस इंतजार कर रहे हैं। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए पाइल ड्रिलिंग मशीन शनिवार देर रात को ही सुरंग की ऊपरी पहाड़ी पर चैनेज 300 पर पहुंच चुकी थी, जबकि इस पर असेंबल किए जाने वाले कई पार्ट अब तक नहीं पहुंचे हैं। इस स्थिति को लेकर एसजेवीएन लिमिटेड के अधिकारियों ने नवयुग कंपनी के प्रति नाराजगी भी जाहिर की। असेंबल किए जाने वाले पार्ट को पहुंचाने के लिए पहले शनिवार रात का समय दिया गया था।
Uttarkashi Rescue Operation: DRDO के उपकरण के साथ सेना ने देहरादून के लिए भरी उड़ान
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में चल रहे बचाव अभियान की आवश्यकताओं को देखते हुए कल देर शाम भारतीय वायुसेना ने डीआरडीओ के महत्वपूर्ण उपकरण के साथ देहरादून के लिए उड़ान भरी।
Uttarkashi Tunnel Rescue Update: बेंगलुरु से मंगवाया गया प्लाज्मा कटर, जल्द शुरू होगा रेस्क्यू
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फैंस 41 श्रमिकों को आज आधा महीना बीत गया है। श्रमिकों को निकालने के लिए खोज बचाव टीम जुटी हुई है। बेंगलुरु से मंगवाया गया प्लाज्मा कटर देर रात को पहुंच गया है, जिसकी सेटिंग की जा रही है।