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Varunavat Landslide: वरुणावत से गिरे पत्थरों की गूंज ने डराया, रात भर नहीं सो पाए लोग; अब भी खतरा

Varunavat Landslide मंगलवार की रात को भारी वर्षा से उत्तरकाशी गोफियारा के पास वरुणावत पर्वत पर भू-स्खलन होने से मलबा व बोल्डर आए थे। गोफियारा क्षेत्र में सड़क किनारे खड़े किए हुए एक दर्जन से अधिक दोपहिया व चौपहिया वाहन भी मलबे में फंसे और दब गए। 28 अगस्त 2024 की प्रातः टेक्निकल टीम मौका मुआयना हेतु वरुणावत चोटी पर गयी हैं। स्थिति अब सामान्य है

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 28 Aug 2024 03:56 PM (IST)
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Varunavat Landslide: टेक्निकल टीम ने किया मौका मुआयना। जागरण

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Varunavat Landslide: मंगलवार की देर रात को वरुणावत पर्वत की तलहटी गोफियारा क्षेत्र में भूस्खलन हुआ। जिससे भटवाड़ी रोड व गोफियार आवासीय क्षेत्र में हड़कंप मचा। वरुणावत की तलहटी पर ज्ञानसू से लेकर गोफियारा तक निवास करने वाले लोग रात भर नहीं सो पाए।

गोफियारा सहित तेखल, कोटबंगला, ज्ञानसू, मैणगाड़ नाले में भारी उफान आया। गोफियारा क्षेत्र में सड़क किनारे खड़े किए हुए एक दर्जन से अधिक दोपहिया व चौपहिया वाहन भी मलबे में फंसे और दबे। जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम रात के समय ही अलर्ट मोड में आई।

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मौसम साफ होने के बाद घर लौटे

सुरक्षा के लिहाज से खोज बचाव टीम ने 100 से अधिक स्थानीय निवासियों को खतरे की आशंका देखते हुए प्रभावित क्षेत्र से हटाया। जिन्हें धर्मशाला व उनकी इच्छा अनुसार उनके रिश्तेदारों के यहां भेजा गया। बुधवार सुबह मौसम साफ होने और भूस्खलन की स्थित स्पष्ट होने के बाद सभी अपने घरों में लौटे। भले ही प्रशासन ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के निकट रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं।

मंगलवार की देर रात को उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास क्षेत्र में भारी वर्षा हुई। वर्षा के बीच गोफियारा क्षेत्र में वरुणावत पर्वत को एक हिस्सा अचानक दरकने लगा। पत्थर और मलबा गोफियारा क्षेत्र में गिरना शुरू हुए। पत्थर गिरने, पेड़ों के उखड़ने की आवाज से गोफियार क्षेत्र में दहशत फैली।

लोग घरों से बाहर निकले। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम ने स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। परंतु लोगों यह दहशत सुबह तक बनी रही। बुधवार की सुबह को जब भूस्खलन की स्थिति का सही पता लगा तो लोगों ने कुछ राहत की सांस ली। फिर गोफियारा क्षेत्र के लोग अपने घरों में लौटे। वहीं गोफियारा नाले में उफान आने से एक दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन भी मलबे में दबे। जिन्हें निकालने के लिए खोज बचाव टीम और नगर पालिका की टीम जुटी रही।

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भूस्खलन खतरे की घंटी

वरुणावत की तलहटी पर गोफियारा के निकट भूस्खलन भविष्य में खतरे की घंटी बन सकता है। विशेषज्ञों ने भी इसकी आशंका व्यक्त की है। इस घटना को जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंभीरता से लिया है।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गोफियारा क्षेत्र के आस-पास बोल्डर-पत्थरों के गिरने से क्षेत्र में जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत गिरे पत्थर-बोल्डर के कारण, प्रभाव और उक्त से प्रभावित होने वाले क्षेत्र आदि की विस्तृत सर्वेक्षण के लिए टीम गठित की।

तकनीकी समिति में उप जिलाधिकारी भटवाडी, उप निदेशक भू-वैज्ञानिक जिला टॉस्क फोर्स उत्तरकाशी, अधिशासी अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड लोनिवि उत्तरकाशी, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड उत्तरकाशी, उप प्रभागीय वनाधिकारी उत्तरकाशी वन प्रभाग उत्तरकाशी, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के प्रतिनिधि, निरीक्षक एसडीआरएफ उत्तरकाशी, टीम लीडर एनडीआरएफ उत्तरकाशी और कनिष्ठ अभियन्ता जनपद आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण उत्तरकाशी को शामिल किया है।

जिलाधिकारी के निर्देश पर यह टीम प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण एवं सर्वेक्षण करने के लिए क्षेत्र में पहुंची। जिला आपदा प्रबंधन ने ड्रोन के जरिये भूस्खलन की स्थिति का जायजा लिया। समिति के सदस्यों ने बताया कि भूस्खलन वाले क्षेत्र में खतरें की आशंका बनी हुई है।

इसके अलावा टीम ने पूर्व में सुरक्षा के लिए लगायी गई रेलिंग की क्षति, रास्ता एवं गिरे बोल्डर पत्थरों के उपचार के लिए तत्कालिक एवं दीर्घकालीन उपाय को लेकर चर्चा की। समिति में शामिल उपजिलधिकारी बृजेश तिवाड़ी ने बताया कि भूस्खलन व बोल्डर पत्थरों से प्रभावित होने वाले क्षेत्र आदि के सम्बन्ध में संयुक्त विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत की जाएगी।

भ्रमक सूचना न फैलाएं

पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि मंगलवार की रात को भारी वर्षा से उत्तरकाशी गोफियारा के पास वरुणावत पर्वत पर भू-स्खलन होने से मलबा व बोल्डर आए थे। देर रात को ही पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, क्यूआरटी आपदा की टीमें मौके पर पहुंची।

किसी प्रकार की कोई जनहानि व पशुहानि नहीं हुई है। सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान आश्रमों च धर्मशालाओं में शिफ्ट कराया गया। उत्तरकाशी से तेखला तक ट्रैफिक को रात्रि में ही जीरो जोन कर बैरियर लगाकर यातायात को पूर्णत प्रतिबन्धित किया गया।

आज 28 अगस्त 2024 की प्रातः टेक्निकल टीम मौका मुआयना हेतु वरुणावत चोटी पर गयी हैं। स्थिति अब सामान्य है। रात्रि में जिन लोगों शिफ्ट किया गया था वह अपने घर वापस आ गये हैं। यातायात सुचारु रूप से चल रहा है, मौसम अनुकूल है।

पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि कुछ असमाजिक तत्वों ने इंटरनेट मीडिया पर उत्तरकाशी में सैकड़ों वाहनों के मलबे में दबने व फसने की भ्रामक सूचना प्रसारित की गई। जबकि स्थिति सामान्य है, यातायात सुचारू है, किसी के भी घर में मलबा नहीं गया है, जन-जीवन सामान्य है।