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सड़क के लिए खेत देने को तैयार ग्रामीण, लेकिन जंगल नहीं

उत्तरकाशी जिले में डांग गांव के ग्रामीणों ने जंगल को बचाने के लिए चिपको आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन शुरू कर दिया। सड़क के लिए वे खेत देने को तैयार हैं, लेकिन जंगल कटने पर राजी नहीं।

By BhanuEdited By: Updated: Mon, 29 Jan 2018 08:45 PM (IST)
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सड़क के लिए खेत देने को तैयार ग्रामीण, लेकिन जंगल नहीं

उत्तरकाशी, [जेएनएन]:  उत्तरकाशी जिले में डांग गांव के वाशिदों ने ऐतिहासिक चिपको आंदोलन की याद ताजा कर दी। पोखरी गांव के लिए मोटर मार्ग कासमरेखण बदलने की मांग को लेकर ग्रामीण लंबे समय से आंदोलित हैं। उनका कहना है कि जंगल के बजाय उनके खेतों से सड़क निकाली जाए। इससे जंगल सुरक्षित रहेगा। गांव की महिलाओं ने पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर जंगल बचाने का अपना संकल्प जाहिर किया।  

जिला मुख्यालय के निकट स्थित पोखरी गांव के लिए डांग गांव के ऊपर जंगल से पोखरी के लिए मोटर मार्ग का सर्वे हुआ है। डांग गांव के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सड़क बनने से डांग गांव का पूरा जंगल खत्म हो जाएगा और ऐसा वे किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे।

आंदोलन में शामिल रक्षा सूत्र आंदोलन के संयोजक सुरेश भाई ने कहा कि आज जीवन प्रदाता जंगलों को बचाने के लिए बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं। ऐसे दौर में डांग गांव के ग्रामीणों का जंगल बचाने के लिए आगे आना प्रेरणादायी है। कहा कि वे किसी गांव के लिए सड़क का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन जब पेड़ों को काटे बिना सड़क बन सकती है तब भी जंगल की बलि चढ़ाई जा रही है। 

जंगल बचाने को बने ग्रीन चिपको सत्याग्रह आंदोलन के संयोजक अभिषेक जगूड़ी ने कहा कि पोखरी गांव की सड़क के लिए डांग के लोग अपने खेत देने को तैयार हैं। लेकिन, जंगल वे किसी सूरत में नहीं देंगे। इस मौके पर ग्राम प्रधान रजनी नाथ, डॉ. नागेंद्र जगूड़ी, कुसुम गुसाईं समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।

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