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Water Crisis in Uttarakhand: उत्‍तरकाशी में जल संकट की कहानी, 10 लीटर पानी के इंतजाम का समय ‘ढाई घंटे’

Water Crisis in Uttarakhand जलजीवन मिशन के तहत हर घर नल हर घर जल के दौर में इन दोनों गांवों में सरकारी नल नहीं हैं। जिन जल स्रोतों पर ग्रामीण पानी भरने जाते हैं वे जल स्रोत गांव से दो किलोमीटर से अधिक दूर हैं। 10-15 लीटर पानी का इंतजाम करने में खालसी के एक ग्रामीण को दो से ढाई घंटे का समय लग रहा है।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 03 May 2024 12:22 PM (IST)
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Water Crisis in Uttarakhand: खालसी और न्यू खालसी गांव में जल संकट की कहानी
जागरण संवाददाता:उत्तरकाशी : Water Crisis in Uttarakhand: जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 58 किलोमीटर दूर खालसी और न्यू खालसी गांव में घोर पेयजल संकट है। 10-15 लीटर पानी का इंतजाम करने में खालसी के एक ग्रामीण को दो से ढाई घंटे का समय लग रहा है। जिन जल स्रोतों पर ग्रामीण पानी भरने जाते हैं, वे जल स्रोत गांव से दो किलोमीटर से अधिक दूर हैं।

जलस्रोतों पर भी पानी की बहुत कम है और गर्मी के चलते पानी की मात्रा भी कम होती जा रही है। पानी भरने के लिए ग्रामीणों को अपनी बारी के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है। इन दोनों गांव में चार हजार से अधिक आबादी निवासरत है। जलजीवन मिशन के तहत हर घर नल, हर घर जल के दौर में इन दोनों गांवों में सरकारी नल नहीं हैं।

न तो पेयजल लाइन बिछी और न कोई कारगर उपाय

चिन्यालीसौड़ ब्लाक के अंतर्गत खालसी और न्यू खालसी गांव के ग्रामीण कई वर्षों से पेयजल संकट दूर करने की मांग शासन प्रशासन से कर रहे हैं। परंतु ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए गांव में न तो पेयजल लाइन बिछी है और न कोई कारगर उपाय किए गए।

चुनाव के समय जो भी जनप्रतिनिधि खालसी और न्यू खालसी गांव में आता ग्रामीणों की एक ही मांग होती के गांव के घर-घर को पानी दे दो। जब सरकार ने हर घर नल और हर घर जल देने की घोषणा की तो खालसी के ग्रामीणों की भी उम्मीदें जगी। पेयजल निगम की ओर से जल जीवन मिशन योजना के तहत करीब तीन करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी बनाया गया।

10 जून 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में एक कार्यक्रम के दौरान इस योजना का शिलान्यास किया। इसी दौरान पेयजल निगम ने निविदा भी जारी की, कार्य का भी आवंटन किया। परंतु जल स्रोत को लेकर विवाद की स्थिति बनी। तब से पेयजल लाइन निर्माण का मामला लटका हुआ है। जबकि दोनों गांवों में शीतकाल से पानी का संकट शुरू हो गया था। इन दिनों तो पानी की बूंद-बूंद के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं।

ग्रामीणों को दो से तीन किलोमीटर दूर पन्यारा नामे तोक और अखोड़ी नामे तोक के प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। इन जल स्रोतों पर पानी की मात्रा लगातार कम हो रही है। पानी भरने के लिए रात के समय भी लंबी लाइन लगी रहती है।

खालसी व न्यू खालसी में पेयजल संकट अभिशाप की तरह है। पेयजल निगम और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। 10-15 लीटर पानी के इंतजाम करने में ग्रामीणों को दो से ढाई से तीन का समय लग रहा है।

-सरोजनी कंडियाल, प्रधान खालसी/न्यू खालसी

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