Move to Jagran APP

Uttarkashi Tunnel Collapse: मजदूरों को हो सकती हैं दिक्कत, ऑक्सीजन की कमी से बिगड़ी तबीयत; जानिए क्या बोले डॉक्टर

Uttarkashi Tunnel accident उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे सभी 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने की कामना हर कोई कर रहा है। लगातार दी जा रही ऑक्सीजन से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि सभी सकुशल निकल आएंगे। दून मेडिकल कालेज में श्वास एवं छाती रोग के विभागाध्यक्ष व चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल के अनुसार ऑक्सीजन की कमी से फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 15 Nov 2023 09:09 AM (IST)
Hero Image
रेस्क्यू कार्य के समय कैविटी वाले क्षेत्र से भारी मलबा गिरा, मजदूर चोटिल
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे सभी 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने की कामना हर कोई कर रहा है। ये श्रमिक तीन दिन से सुरंग में फंसे हैं। ऐसे में इनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी एक चुनौती है। इसको लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है, अच्छी बात यह है कि श्रमिकों को नियमित रूप से ऑक्सीजन और खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जा रही है।

लगातार दी जा रही ऑक्सीजन से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि सभी सकुशल निकल आएंगे। दून मेडिकल कालेज में श्वास एवं छाती रोग के विभागाध्यक्ष व चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल के अनुसार, ऑक्सीजन की कमी से फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी रक्त संचार में रुकावटें उत्पन्न करती है और इससे तंत्रिका संबंधी जटिलताओं की संभावना बढ़ जाती है। जिस कारण भ्रमित होना, एकाग्रता में कमी या चक्कर आने जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। इसके अलावा हृदय, गुर्दा व अन्य अंगों पर भी असर पड़ता है।

भूखे रहने से आ सकती हैं ये दिक्कतें

लंबे वक्त तक भूखे रहने से भी कई शारीरिक व मानसिक दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। पानी के बिना डिहाइड्रेशन का खतरा है। सुरंग के भीतर फंसे श्रमिक जिस तरह की परिस्थिति में हैं, उससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। जाहिर है कि श्रमिकों के समक्ष कई तरह की चुनौतियां हैं, पर इन सबसे अच्छी तरह निपटा जा रहा है।

यह भी पढ़ें: Uttarkashi Tunnel Collapse: रेस्क्यू ऑपरेशन में आई बाधा, खराब हुई ड्रिलिंग मशीन; 72 घंटे से फंसे हैं 40 मजदूर

लगातार पहुंचाई जा रही है ऑक्सीजन

उत्तरकाशी की इस सुरंग हादसे में श्रमिकों को ऑक्सीजन के साथ खाद्य सामग्री, पानी व दवाएं पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे में पूरी संभावना है कि वह सकुशल निकल आएंगे। इतना जरूर है कि बाहर आने पर उन्हें काउंसलिंग की आवश्यकता होगी।

अभियान में जुटे दो श्रमिक घायल

मंगलवार शाम सुरंग में फंसे श्रमिकों की खोज बचाव कैविटी वाले क्षेत्र से भूस्खलन हुआ। यह भूस्खलन तब हुआ जब ऑगर ड्रिलिंग मशीन से पाइप फिट करने की शुरुआत की जा रही थी। इसमें दो श्रमिकों की जान बाल-बाल बची। मौके पर खोज बचाव में जुटे श्रमिक खुद के बचाव के लिए भागे। भागते समय दो श्रमिक चोटिल हुए हैं, जिन्हें सुरंग के निकट बनाए अस्थाई अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया। घायल श्रमिकों में युसूफ अली और सहीदू रामा शामिल हैं। दो श्रमिकों को उपचार के बाद रिलीव किया है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।