यमुनोत्री धाम का होगा अब कायाकल्प, दीर्घकालिक योजना से मिलेगी तीर्थयात्रियों को सुविधा; सरकार से मिल चुकी मंजूरी
यमुनोत्री धाम के कायाकल्प के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार की जा रही है। इस योजना के तहत गरुड़गंगा के पास आरसीसी स्ट्रक्चर स्नान घाट का निर्माण प्रवेश मार्ग का चौड़ीकरण आधुनिक सुविधा युक्त बहुमंजिला धर्मशाला एलिवेटेड मार्ग मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार जल स्तर सेसिंग उपकरण की स्थापना आस्था पथ का निर्माण वैकल्पिक पैदल मार्ग झूला पुलों का निर्माण समेत कई सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
यमुनोत्री धाम में ये हैं दीर्घकालिक योजना के कार्य
- गरुड़गंगा के पास आरसीसी स्ट्रक्चर निर्माण प्रस्तावित है। यह निर्माण यमुनोत्री धाम के क्षेत्र में बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदा में सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगा। इससे तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित आवास और अन्य सुविधाओं का भी विस्तार होगा।
- यमुनोत्री धाम में स्नान घाट का निर्माण महत्वपूर्ण है। पिछले वर्षों और इस वर्ष आपदा से स्नान घाट क्षतिग्रस्त हुए हैं। वर्तमान में घाटों की स्थिति खतरे से खाली नहीं हैं।
- यमुनोत्री धाम में प्रवेश मार्ग का चौड़ीकरण होना बेहद जरूरी है। यहां रास्तों का संकरापन यात्रा अव्यवस्था का सबसे बड़ा कारण है। चौड़ीकरण से तीर्थयात्री सुगम आवागमन कर सकें। साथ ही मार्ग पर यात्री सुविधाओं में विश्राम स्थल, सूचना केंद्र व आपातकालीन सेवाएं जरूरी है। इसके अलावा जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला पैदल मार्ग अत्यधिक संकरा है। जिस पर जाम की स्थिति बनती है।
- यमुनोत्री धाम में आधुनिक सुविधा युक्त बहुमंजिला धर्मशाला की भी जरूरत है। वर्तमान में धाम में अगर तीर्थयात्री फंस जाएं तो धाम में ठहरने की कोई भी सुविधा नहीं है। इसलिए धाम के निकट बहुमंजिला धर्मशाला का निर्माण जरूरी है। जो आधुनिक सुविधा युक्त हो।
- यमुनोत्री धाम के क्षेत्र में जाम की समस्या को हल करने और बाढ़ के दौरान सुरक्षित आवाजाही के लिए एलिवेटेड मार्ग का निर्माण भी जरूरी है।
- यमुनोत्री धाम के मंदिर परिसर बेहद ही संकरा और छोटा है। जिसका जीर्णोद्धार और सौदर्याकरण जरूरी है। जिसमें मंदिर के भवनों का पुनर्निर्माण, दीवारों का सुदृढ़ीकरण, मुख्य मंदिर के अतिरिक्त अन्य अवसंरचनाओं को दूसरे स्थान पर विस्थापित किया जाना जरूरी है।
- यमुना नदी के जल स्तर को नियमित रूप से मॉनिटर करने के लिए जल स्तर सेसिंग उपकरण की स्थापना जरूरी है। बाढ़ के दौरान अलार्म सिस्टम से तीर्थयात्रियों की सुरक्षा की जा सके।
- जानकीचट्टी से राममंदिर के बीच यमुना नदी के दोनों तटबंधों पर आस्था पथ का निर्माण भी जरूरी है। इससे यात्रा और भी अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित होगी। इसके अलावा राम मंदिर से फूलचट्टी अखोड़ी पुल तक घाट निर्माण भी जरूरी हैं
- यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। इसलिए वैकल्पिक पैदल मार्ग का निर्माण जरूरी है। इससे श्रद्धालुओं के लिए यात्रा सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित होगी।
- यमुनोत्री धाम क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए झूला पुलों (सस्पेंशन ब्रिज) का निर्माण जरूरी है। ऐसे पुल से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और तेजी से आवागमन की सुविधा मिलेगी।
- यमुनोत्री धाम में हेलीपैड का निर्माण प्रस्तावित है। हेलीपैड से आपातकालीन स्थितियों में तेजी से राहत कार्यों और चिकित्सा सहायता में सहयोग मिलेगा। साथ ही तीर्थयात्रियों को भी सुविधा मिलेगी।
- पालीगाड़ से लेकर जानकी चट्टी तक सड़क चौड़ीकरण कार्य जल्द शुरू किया जाना जरूरी है। इसके अलावा पार्किंग समस्या के समाधान के लिए जानकी चट्टी में टनल पार्किंग प्रस्तावित है।
यह भी पढ़ें- Midday Meal: साहब! टमाटर 100 रुपये, पालक मिल रहा 50- कैसे बच्चों को खिलाएं पत्तेदार सब्जी; छात्रों के पोषण पर असरपालीगाड़ से जानकी चट्टी तक सड़क का चौड़ीकरण, यमुनोत्री रोपवे का कार्य, हेलीपैड निर्माण, टनल पार्किंग, वैकल्पिक मार्ग, सस्पेंशन ब्रिज, मंदिर परिसर जीर्णोद्धार सहित अन्य दीर्घकालीन कार्य होने हैं। कुछ कार्यों पर निर्माण की कार्यवाही चल रही है। जबकि अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की डीपीआर गठन के लिए कंसलटेंसी फर्म को नियुक्त करने अनुरोध शासन से किया गया है।
-डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी उत्तरकाशी