Yamunotri Highway मानसून सीजन के दौरान चारधाम को जोड़ने वाले मार्ग की बदहाल स्थिति हुई है। यमुनोत्री हाईवे तो और ज्यादा खतरनाक हो गया है। सितंबर और अक्टूबर माह में चारधाम यात्रा का सीजन है। 102 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर आठ भूस्खलन जोन नए बने हैं। राड़ी टॉप और जंगल चट्टी के बीच मार्ग की मरम्मत पिछले पांच वर्षों से नहीं हुई है।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Yamunotri Highway: मानसून सीजन अब समाप्त होने की ओर बढ़ रहा है। परंतु, मानसून सीजन के दौरान चारधाम को जोड़ने वाले मार्ग की बदहाल स्थिति हुई है। जनपद उत्तरकाशी के अंतर्गत धरासू-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग की बेहद ही बदहाल स्थिति है।
102 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर आठ भूस्खलन जोन नए बने हैं। जबकि पुराने आठ भूस्खलन जोन भी सक्रिय हुए हैं और करीब 50 किलोमीटर का क्षेत्र गड्ढों में तब्दील है। जो आने वाले यात्रा सीजन के दौरान परेशानी का सबक बन सकते हैं। सितंबर और अक्टूबर माह में चारधाम यात्रा का सीजन है।
अगस्त माह में पहाड़ों में जमकर वर्षा हुई
इस बार जुलाई और अगस्त माह में पहाड़ों में जमकर वर्षा हुई है। वर्षा के कारण सबसे अधिक नुकसान सड़क मार्गों को पहुंचा है। जनपद उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बीते दो माह के मानसून सीजन में 16 स्थानों पर 200 घंटे से अधिक अवरुद्ध रह। यह हाईवे सबसे अधिक डाबरकोट के पास अवरुद्ध हुआ। दो माह के अंतराल में डाबरकोट के पास 20 से अधिक बार भूस्खलन हुआ है।
यह भी पढ़ें- Dehradun News: दून मेडिकल कालेज अस्पताल के फोर्थ फ्लोर पर चढ़ा युवक, कहा- 'मेरा मोबाइल लाओ वरना कूद जाऊंगा'अभी भी हल्की वर्षा में ये भूस्खलन जोन सक्रिय हो रहा है। सितंबर और अक्टूबर में मौसम अनुकूल होने के कारण चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में सुचारू यात्रा संचालित होने की राह में यह भूस्खलन जोन चुनौती है। इस भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट शुरू होने में समय लगना तय है और इसका कोई वैकल्पिक मार्ग भी नहीं है।
डाबरकोट में पिछले आठ वर्षों के अंतराल में सबसे अधिक भूस्खलन की घटनाएं सितंबर और अक्टूबर माह में हुई हैं। इसके अलावा फुलचट्टी और जानकी चट्टी के बीच के तीन किलोमीटर के अंतराल में तीन भूस्खलन जोन नए बने हैं। इन भूस्खलन जोन के कारण बसें और भारी वाहन जानकीचट्टी पार्किंग तक नहीं पहुंच पा रही है। इसके अलावा कुथनौर और किसाल के बीच भी आए दिन यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो रहा है।
राड़ी टॉप और जंगल चट्टी के बीच मार्ग की मरम्मत पिछले पांच वर्षों से नहीं हुई है। जो इस बार सितंबर और अक्टूबर में तीर्थयात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनेगा। गत 12 अगस्त को ओरछा बैंड के पास पहाड़ी से गिरे बोल्डर की चपेट में एक बोलेरो वाहन आया। जिसमें एक की मौत और दो घायल हुए। इस तरह से पत्थर गिरने का खतरा ओरछा बैंड के अलावा डाबरकोट, कुथनौर, खरादी सहित अन्य भूस्खलन जोन में बना हुआ है।
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यमुनोत्री हाईवे के नए भूस्खलन जोन
- खरादी,
- कुथनौर,
- कल्याणी,
- सिलक्यारा,
- शिव गुफा,
- फूलचट्टी,
- काली मंदिर,
- जानकी चट्टी,
यमुनोत्री हाईवे के पुराने भूस्खलन जोन
- धरासू,
- किसाला,
- पालीगाड़,
- डाबरकोट,
- झरझरगाड़,
- बनास,
- ओरछा बैंड,
- हनुमान चट्टी,
इस बार वर्षा से काफी अधिक टूट-फूट हुई है। कुछ स्थानों पर आलवेदर का कार्य हो चुका है। तो उन स्थानों पर पुराने बॉन्ड के अनुसार ठेकेदार की हाईवे की मरम्मत करेगा। जबकि पालीगाड़ से जानकीचट्टी के बीच पैचवर्क 15 सितंबर के बाद किए जाएंगे। जिन स्थानों पर सुरक्षा दीवार निर्माण का कार्य होना है उसके लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। धनराशि मिलने पर कार्य किए जाएंगे। यात्रा सीजन तक भूस्खलन जोन क्षेत्र में मशीने तैनात रहेंगी। - राजेश कुमार पंत, अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग बडकोट खंड
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