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Padma Awards: यशवंत को शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए मिला पद्मश्री, इतिहास और पुरातत्व के हैं पुरोधा

Padma Awards 2024 उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार व पुरातत्वविद डॉ. यशवंत सिंह कठोच इतिहास व पुरातत्व की जानकारियों से भरी 12 पुस्तकें लिख चुके हैं। शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में इसी उल्लेखनीय योगदान के लिए उनका चयन पद्मश्री पुरस्कार के लिए हुआ है। डॉ. यशवंत मूल रूप से पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लाक के मासौं गांव के रहने वाले हैं।

By Shailendra prasad Edited By: riya.pandey Updated: Fri, 26 Jan 2024 04:18 PM (IST)
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डॉ. यशवंत को शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Padma Awards 2024: उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार व पुरातत्वविद डॉ. यशवंत सिंह कठोच इतिहास व पुरातत्व की जानकारियों से भरी 12 पुस्तकें लिख चुके हैं। शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में इसी उल्लेखनीय योगदान के लिए उनका चयन पद्मश्री पुरस्कार के लिए हुआ है। 89 वर्ष की आयु में भी वह लेखन व अध्ययन में जुटे हैं और नई चीजों को जानने व समाज तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

डॉ. यशवंत मूल रूप से पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लाक के मासौं गांव के रहने वाले हैं। हालांकि, वर्तमान में वह पौड़ी जिला मुख्यालय क्षेत्र में रहते हैं और वहीं उनका अध्ययन व लेखन कक्ष है। इन दिनों वह अपने पैतृक गांव आए हुए हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने पद्मश्री पुरस्कार के लिए नाम चयनित होने की जानकारी देते हुए इसे गौरव का क्षण बताया। उन्हें पद्मश्री सम्मान मिलने से स्वजन, रिश्तेदार, परिचित और क्षेत्रवासी बेहद खुश हैं।

हमेशा से भारतीय इतिहास, संस्कृति व पुरातत्व में रही रुचि

गुरुवार को पद्म सम्मान की घोषणा के बाद दैनिक जागरण से बातचीत में डॉ. यशवंत ने बताया कि उनका जन्म 27 दिसंबर 1935 को हुआ था। शुरुआत से ही भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व में उनकी विशेष रुचि रही।

परास्नातक के बाद उन्होंने अध्यापन शुरू किया और वर्ष 1995 में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मासौं से प्रधानाचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुए। अध्यापन के साथ वह लेखन के लिए समर्पित रहे। उनकी पहली शोध पुस्तक मध्य हिमालय का पुरातत्व वर्ष 1981 में प्रकाशित हुई थी।

इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड की सैन्य परंपरा, संस्कृति के पद चिह्न, मध्य हिमालयी पठार का प्रथम खंड, उत्तराखंड का नवीन इतिहास, एडकिंसन मध्य हिमालय का इतिहास-एक अध्ययन, हरिकृष्ण रतूड़ी का गढ़वाल का इतिहास का अध्ययन, भारतवर्ष के ऐतिहासिक स्थलकोश, मध्य हिमालय की कला (मूर्ति कला व वास्तु कला), लेखक भजन सिंह की पुस्तकों का संग्रह सहित कई पुस्तकें लिखीं।

50 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित

इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड के इतिहास और पुरातत्व की जानकारी से संबंधित कई पुस्तकों का संपादन भी किया है, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में युवाओं का मार्गदर्शन कर रही हैं। उनके कला, संस्कृति और पुरातत्व पर 50 से अधिक शोध पत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं।

डॉ. यशवंत ने बताया कि उनका मुख्य विषय पुरातत्व रहा है। इसके अध्ययन से उत्तराखंड के इतिहास व संस्कृति की सही और प्रमाणिक जानकारी प्राप्त हुई है।

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