ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं, बल्कि यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है।
आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए. मानवता एक सागर के समान होती है. सागर की कुछ बूंदे गंदी हो जाने से पूरा सागर गंदा नहीं होता।
हमारी मासूमियत जितनी बड़ी होती है, हमारी ताकत उतनी ही बड़ी होती है और हमारी जीत को मजबूत करती है।
पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।
आपको “मानवता” में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक समुद्र है; अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है।
एक निर्धारित लक्ष्य और कभी न बुझने वाले जोश के साथ अपने मिशन पर काम करने वाला शरीर ही इतिहास के पाठ्यक्रम को बदलता है।
हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा।