भगवान शिव की महिमा अपार है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में स्वयं भगवान शिव ज्योति के रूप में विराजमान हैं।
हम आपको भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में जानकारी देने वाले हैं। जानते हैं भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग कहां स्थित हैं और इनकी महिमा के बारे में।
भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। मान्यता है कि यहां पर देवताओं द्वारा बनवाया गया पवित्र कुंड भी है।
यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर स्थित है, जो कि श्रीशैल पर्वत पर स्थित है।
भगवान शिव का यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग दक्षिणमुखी है। यहां पर प्रतिदिन भस्मारती होती है। यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है।
यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के इंदौर में उस जगह पर स्थित है, जहां पर पवित्र नर्मदा नदी बहता है, साथ ही पहाड़ी के चारों ओर यह ॐ का आकार बनाती है।
भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड की केदार चोटी पर समुद्र तट से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है।
यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। वाराणसी नगरी अपने धार्मिक स्वरुप के लिए काफी प्रसिद्ध है।
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक में ब्रह्मागिरि पर्वत के पास है। यहीं से गोदावरी नदी शुरू होती है।
यह ज्योतिर्लिंग झारखंड के संथाल के पास स्थित है। इसे भोलेनाथ की चिताभूमि भी कहा जाता है।
नागों के देवता भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बड़ौदा में स्थित है। द्वारका पुरी से इसकी दूरी लगभग 17 मील की है।
मान्यता है भगवान शिव के इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम ने की थी। यह तमिलनाडु के रामनाथम में स्थित है।
भगवान शिव का यह 12वां ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजीनगर के पास दौलताबाद में स्थित है।