'प्रोजेक्ट टाइगर' के 50 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने 'इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस' का शुभारंभ किया। 1973 में 9 टाइगर रिजर्व से शुरू हुआ बाघ संरक्षण का सफर वर्तमान में 53 रिजर्व तक पहुंच गया है।
देश में साल 2006 में बाघों की संख्या केवल 1 हजार 411 थी, जो वर्तमान में बढ़ कर 3 हजार 167 पहुंच गई है। आज पूरी दुनिया में बाघों की संख्या का 70 फीसदी हिस्सा भारत में है।
भारत में सबसे पहले साल 2006 में बाघों की जनगणना शुरू की गई थी। वहीं, इसके बाद साल 2010, 2014, 2018 और 2022 में 5वीं बार बाघों की जनगणना की गई।
'प्रोजेक्ट टाइगर' के तहत बाघों की आबादी साल 2006 में 1,411, 2010 में 1,706, 2014 में 2,226, 2018 में 2,967 और 2022 में यह बढ़ कर 3,167 हो गई है। भारत में 53 टाइगर रिजर्व हैं।
पूरे विश्व में बाघ की कुल 9 प्रजातियों में साइबेरियन टाइगर, बंगाल टाइगर, इंडोचाइनीज टाइगर, मलायन टाइगर, साउथ चाइना टाइगर, सुमात्रान टाइगर, कैस्पियन टाइगर, बाली टाइगर और जावन टाइगर शामिल हैं।
पूरे विश्व में बाघ की कुल 9 प्रजातियां हैं, जिनमें से 3 प्रजातियां पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी हैं। दुर्भाग्य से कैस्पियन टाइगर, बाली और जावन टाइगर प्रजातियों को देखने मौका हमें नहीं मिल सकता है।
पूरे विश्व के सिर्फ 13 देशों में बाघ पाए जाते हैं, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल है।
भारत में सबसे ज्यादा टाइगर मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं। राज्य में कुल 526 बाघ रहते हैं इसलिए मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है। वहीं, कर्नाटक में 524 और उत्तराखंड 442 बाघ पाए जाते हैं।
भारत के 21 राज्यों में बाघ पाए जाते हैं। इन राज्यों में बिहार, उत्तराखंड, यूपी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा शामिल हैं।
भारत के राजस्थान, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम, नगालैंड और उत्तरी पश्चिम बंगाल राज्य में बाघ पाए जाते हैं।
भारत में लगभग 100 सफेद बाघ पाए जाते हैं। मध्य प्रदेश के रीवा शहर से 14 किलोमीटर दूर मुकुन्दपुर जंगल है, जिसे सफेद बाघों का घर माना जाता है। यहां पर दुनिया के पहले वाइट टाइगर सफारी की शुरूआत की गई थी।