सारा दिन आराम करते रहना या काउच पर पड़े रहना, एक तरह से कई बीमारियों को न्योता देने जैसा है। शोध भी बताता है कि जो पूरा दिन लेटे या बैठे रहते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ता है।
हाई कैलोरी डाइट आप में टाइप-2 डायबिटीज़ और मोटापे का ख़तरा बढ़ाने का काम करती है। एक व्यक्ति को उतनी ही कैलोरी खानी चाहिए जितनी वह रोज़ाना बर्न कर सकता है।
कई रिसर्च में पता चला है कि एक्सरसाइज़ शरीर की श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखती है, लेकिन अगर आपके परिवार में मधुमेह का इतिहास है, तो व्यायाम इस रोग के विकास के जोखिम को कम कर सकता है।
दिल की बीमारी, हाई कोलेस्ट्ऱॉल, हाई बीपी और डायबिटीज़, सीधे तौर पर स्मोकिंग और शराब से जुड़ी हैं। सिगरेट पीने से धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ता है।
पोषण की कमी कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है, जिसका असर सेहत पर पड़ता है। कई शोध से पता चला है कि हेल्दी खाना, वीगन डाइट और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन डायबिटीज़ के जोखिम को कम करता है।
लिवर सहित शरीर के दूसरे अंगों में जमा वसा व्यक्ति का वज़न बढ़ाने का काम करती है, जिससे भविष्य में डायबिटीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है।
तनाव शारीरिक और मानसिक कामकाज को बाधित करता है, जिससे मोटापे और मधुमेह का ख़तरा बढ़ जाता है। लोगों को व्यायाम करने, ध्यान लगाने और स्वस्थ आहार लेने के साथ-साथ तनाव से भी बचना चाहिए।