गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए एक बेहद नाजुक दौर होता है। ऐसे में बीमार पड़ जाने पर दवाइयां लेने से भी डर लगता है कि कहीं बच्चे को नुकसान न पहुंच जाए। ऐसे में घरेलू उपायों का सहारा ले सकते हैं।
गले में स्टीम लेने से काफी राहत मिलती है। इससे बलगम पिघलकर नीचे चला जाता है या फिर खांसने पर बाहर आ आता है। स्टीम लेते वक्त इसमें यूकालिप्टस ऑयल मिलाने से ज्यादा आराम मिल सकता है।
नमक के पानी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और गले की खराश में आराम पहुंचाते हैं। गुनगुने पानी से गरारे करने से गले से बलगम कटता है और खांसी कम होती है।
अदरक में प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो खांसी को कम करने में मदद करते हैं। शहद के साथ अदरक की चाय पीने से गले की खराश और खांसी में राहत मिलती है।
चिकन सूप में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले में सूजन को कम करते हैं, जिससे खांसी भी कम हो जाती है।
शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसकी वजह से खांसी नैचुरल तरीके से कम होती जाती है। गुनगुने पानी या फिर चाय में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से गले की खराश और खांसी कम होती है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में विटामिन-सी काम आता है। यह खांसी करने वाले इन्फेक्शन से लड़ता है। विटामिन-सी से भरपूर खाना खाने से या फिर सप्लीमेंट्स लेने से प्रेग्नेंसी में खांसी से बचा जा सकता है।
किसी भी बीमारी से उबरने के लिए हमारे शरीर को ज्यादा से ज्यादा आराम की जरूरत होती है, ताकि वह रिकवरी पर पूरा फोकस कर सके। इसलिए लगातार एक्टिव न रहें, हर थोड़ी देर में रेस्ट करें।