दुनिया में कई ऐसी खूबसूरत और इतिहास को समेटे पर्यटन स्थल है, जहां जाना अपने आप में गर्व की बात होती है। हम आपको बताने जा रहें हैं दुनिया के 7 अजूबों का इतिहास।
ताजमहल भारत का इकलौती ऐसी धरोहर है, जो सात अजूबों में शामिल है। मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में इसका निर्माण करवाया था।
ताजमहल सफेद संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है। ताजमहल प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसका निर्माण 20,000 कारीगरों ने किया था।
चीन के पहले शासक किन शी हुआंग ने इस दीवार का निर्माण कराया था। करीब 20 साल में 21,196 किलोमीटर की लंबी और विशाल दीवार का निर्माण पूरा हुआ था।
ब्राजील का 125 फीट लंबी क्राइस्ट द रिडीमर दुनिया के सात अजूबों में से एक है। यह मूर्ति एक पहाड़ की चोटी पर है। साल में तीन से चार बार बिजली इस मूर्ति से टकराती है।
मैक्सिको में स्थित चिचेन इट्जा भी सात अजूबों में शामिल है। यह माया सभ्यता से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर है. इसका इतिहास 1200 साल से भी ज्यादा पुराना है।
इतिहासकारों के अनुसार, 9वीं से 12वीं शताब्दी के मध्य पूर्व-कोलंबियाई माया सभ्यता के लोगों ने इसका निर्माण करवाया था। इसकी खासियत यह है कि यहां अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती हैं।
इटली में स्थित कालीजीयम का निर्माण सम्राट टाइटस वेस्पेशियन ने करवाया था। कहा जाता है कि 70 ईसवी और 82 ईसवी के मध्य इसका निर्माण हुआ था।
दक्षिण अमेरिका के पेरू में स्थित माचू पिच्चू को 'इंकाओं का खोया हुआ शहर' कहा जाता है। साल 1983 में यूनेस्को ने माचू पिच्चू को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया था।
पेट्रा जॉर्डन का एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका निर्माण गुलाबी रंग के बलुआ पत्थरों से कराया गया है। इसी रंग के कारण पेट्रा रोज सिटी के नाम से भी जाना जाता है।