मस्से के आकार, लंबाई या चौड़ाई या फिर रंग में बदलाव दिखता है, तो इसे हल्के में न लें। इसके पीछे मेलानोमा हो सकता है, जो एक गंभीर तरह का स्किन कैंसर है।
पेशाब में खून आना ब्लैडर कैंसर का सबसे आम लक्षण है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में हीमाटूरिया कहा जाता है। इसमें आमतौर पर दर्द नहीं होता। हालांकि, पेशाब में खून का आना प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण भी है।
आंत्र का कैंसर होने पर मरीज़ कई लक्षणों से जूझता है, जिसमें से एक है आंत्र की आदतों में बदलाव होना। इसकी वजह से मरीज़ को कई बार टॉयलेट जाना पड़ सकता है। मल के साथ खून भी आ सकता है।
शरीर पर अचानक गांठ का आना गंभीर हो सकता है। वैसे सभी तरह की गांठें कैंसर नहीं होती, लेकिन गांठ अगर बड़ी, सख्त और उसे छूने पर दर्द न हो या अचानक सूजन आ जाना बीमारी का संकेत हो सकते हैं।
किसी व्यक्ति को अगर कैंसर है, तो उसका वज़न बिना किसी वजह के अचानक कम होने लगेगा। यह इस बीमारी के अहम लक्षणों में से एक भी है।
आपकी खांसी के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। वायरल इन्फेक्शन, अस्थमा, सीओपीडी के अलावा गंभीर और लगातार बिगड़ती खांसी फेफड़ों के कैंसर की वजह भी हो सकती है।
अगर किसी व्यक्ति को खाना निगलने में दिक्कत हो रही है, तो हो सकता है कि वह डिस्फेगिया से जूझ रहा हो। इस तरह की स्थिति उन कैंसर के मरीज़ों में देखी जाती है, जिनकी गर्दन में ट्यूमर बढ़ रहा हो।
ऐसा दर्द जो हफ्तों और महीनों तक खिंचा जा रहा है, उसे नज़रअंदाज़ करने की गलती न करें। खासतौर पर अगर इसकी वजह समझ नहीं आ रही हो तो।