हिन्दू धर्म, ज्योतिष शास्त्र में सूर्योदय के समय कौन से कार्य करने चाहिए और सूर्यास्त के समय कौन से कार्य नहीं करने चाहिए, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है।
शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद सबसे ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा वातावरण में फैलती है, ऐसे में सूर्यास्त के बाद कोई भी काम बिल्कुल नहीं करना चाहिए इससे तरक्की के साथ-साथ सेहत पर भी असर पड़ता है।
शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद कपड़ों को धोना या सुखाना नहीं चाहिए, क्योंकि सूर्यास्त के बाद वातावरण में सबसे अधिक सकारात्मक ऊर्जा होती है, ऐसे में यह कपड़ों में प्रवेश कर जाती है।
सूर्यास्त के बाद नाखून, बाल, दाढ़ी आदि बिल्कुल भी नहीं काटने चाहिए, ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव सबसे अधिक होता है, जिससे व्यक्ति को कभी भी कर्ज से मुक्ति नहीं मिल पाती है।
सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधों को छूना या पानी नहीं देना चाहिए, क्योंकि वे सो जाते हैं, ऐसे में उन्हें छूने या पत्ते तोड़ने से वह नाराज हो जाते हैं।
दही का दान सूर्यास्त के समय या उसके बाद नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका संबंध शुक्र ग्रह से है, इस ग्रह को धन का प्रतीक माना जाता है, इसलिए शाम के समय इसका दान करने से बचना चाहिए।
सूर्यास्त के समय या उसके बाद घर में झाड़ू पोंछा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस समय ऐसा करने से मां लक्ष्मी घर से चली जाती है।