एसिडिटी महसूस होने पर तुलसी के दो से तीन पत्ते चबाने से लाभ मिलता है। अगर आपको अकसर ही एसिडिटी रहती है तो खाने के बाद इसे पत्ते खाने की आदत बना लें।
सुबह की शुरुआत चाय से होती है तो इसमें भी अदरक के साथ तुलसी के कुछ पत्ते डाल दें। काढ़ा बना रहे हैं तो उसमें भी तुलसी के पत्ते डालें। इससे पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी तुलसी का पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पीना बुखार में भी लाभकारी होता है। इससे वायरल इंफेक्शन से काफी हद तक राहत पाया जा सकता है।
रोजाना तुलसी का पानी पीने से टॉक्सिक पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। मौसमी संक्रमण से बचाव होता है।
तुलसी में कोर्टिसोल हार्मोन को कंट्रोल करने की क्षमता होती है। इसी हार्मोन के बिगड़ने से स्ट्रेस होता है। तो तुलसी के पत्ते का पानी पीने से डिप्रेशन और एंग्जायटी से भी राहत मिलेगी।
तुलसी का पानी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। भोजन जल्दी पचने लगता है। जिससे फेट नहीं बढ़ता और वजन कंट्रोल होता है।
तुलसी के पत्तों में इम्यूनोमोड्यूलेटरी और एक्सपॉर्टेंट प्रॉपर्टीज होती है। जो रेस्पिरेट्री सिस्टम को दुरुस्त करती है और सांस से संबंधित समस्याओं से राहत दिलाती है।