भिंडरावाले का पूरा नाम जरनैल सिंह भिंडरावाले था। इसने 1981 में निरंकारियों का समर्थन करने वाले लाला जगत नारायण की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
भिंडरावाले ने पंजाब के लिए कई मांगे की और खालिस्तानियों का हीरो बना दिया था। सिख धर्म और ग्रंथों की शिक्षा देने वाली संस्था 'दमदमी टकसाल' का अध्यक्ष चुना गया तो उसके नाम के साथ भिंडरावाले जुड़ गया।
अमृतपाल सिंह अक्सर खुद को खालिस्तानी आतंकवादी भिंडरावाले का अनुयायी बताता रहा है। वह भिंडरावाले की तरह की कपड़े पहनता है और उसके जैसे ही रहता है।
अमृतपाल ने सोशल मीडिया के जरिए खालिस्तान और भिंडारवाले के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की थी। सितंबर 2022 में अमृतपाल सिंह 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बना।
पंजाबी अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिंह सिद्धू ने सितंबर 2021 में 'वारिस पंजाब दे' संगठन की स्थापना की थी। इस संगठन का मकसद पंजाब की आजादी है।
दीप सिंह सिद्धू के परिजनों का कहना है कि दीप सिद्धू और अमृतपाल के इरादे बिल्कुल अलग हैं। उनका कहना है कि अमृतपाल सिख युवाओं को गुमराह कर रहा है।
गुरुद्वारा बिहारीपुर में तोड़फोड़, जालंधर गुरुद्वारे में तोड़फोड़, अजनाला में मारपीट का मामला और समर्थकों के साथ अजनाला थाने पर कब्जा कर लिया था।
अमृतपाल ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खुले तौर पर धमकी दी थी। उसने कहा था कि अगर गृहमंत्री ने उसकी आवाज दबाई तो उनका हश्र भी इंदिरा गांधी जैसा कर दिया जाएगा।
अमृतपाल 'खालसा वहीर 2' के लिए आंदोलन शुरू करने जा रहा था। इसके पहले ही पुलिस ने इसको गिरफ्तार करने के लिए मेगा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
अमृतपाल पुलिस से बचकर फरार है। उसकी गाड़ी और मोबाइल फोन बरामद कर लिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, उस पर NSA भी लगाया जा सकता है।
अमृतपाल सिंह को यूके में मौजूद खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खंडा का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है।
अब तक पुलिस ने 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े 78 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार समर्थकों को असम के डिब्रूगढ़ जेल में रखा जाएगा।