हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर को पड़ रही है।
इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। वहीं कुछ लोग इस दिन व्रत का पालन करते हैं। इस दिन व्रत करना बहुत अच्छा माना जाता है।
इस दिन से गणेश पर्व का समापन होता है। इसी दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है।
इस दिन विष्णु जी की पूजा के बाद रक्षा सूत्र बांधा जाता है। ऐसा करने से भक्तों के सभी बिगड़े हुए काम पूरे होने लगते हैं।
अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त 27 सितंबर की रात 10 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 28 सितंबर को शाम 6 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। उदया तिथि के अनुसार, यह 28 सितंबर को मनाई जाएगी।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके स्वच्छ कपड़े पहने और घर का मंदिर साफ करें और विष्णु जी व माता लक्ष्मी को प्रणाम करें।
इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर घर में गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
इसके बाद चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके साथ ही कलश की भी स्थापना करें।
इसके साथ ही घर में जितने सदस्य हैं उतने ही रक्षा सूत्र विष्णु जी को अर्पत करें। पूजा करते समय फल, फूल, धूप आदि अर्पित करें। अनंत चतुर्दशी की कथा सुनें प्रसाद बांटे तथा पूजा के बाद पुरुषों को दाएं व महिलाओं को बाएं हाथ में रक्षा सूत्र बांधना चाहिए।
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