यूं ही अतीक अहमद को नहीं कहते माफिया


By Shalini Kumari26, Mar 2023 04:27 PMjagran.com

1986 से फैलने लगा था खौफ

1986 के समय से ही इलाके में अतीक का खौफ बनने लगा था, इस समय उसको पहली बार गिरफ्तार किया गया।

मुश्किलों से बचने के लिए चुनी राजनीति

मुश्किलों से बचने के लिए अतीक को सियासी रास्ता आसान लगा। 1989 में अतीक अहमद ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता।

सैकड़ों मामले दर्ज

अतीक अहमद पर 100 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या की कोशिश, किडनैपिंग, रंगदारी जैसे केस हैं।

पूरा परिवार अपराध के रास्ते पर

अतीक को गुनाहों की दुनिया इतनी पसंद आ गई है कि उसने अब पूरे परिवार को इसमें शामिल कर लिया है। पांच में से चार बेटों के खिलाफ कई मामले दर्ज है।

भाई और बेटे जेल में बंद

अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, तो छोटा भाई अशरफ यूपी की बरेली जेल में कैद है। अतीक का बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में कैद है, तो दूसरा बेटा अली अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में है।

अतीक की पत्नी फरार

अतीक के तीसरे बेटे असद पर उमेश पाल शूटआउट केस में ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित है, तो पत्नी शाइस्ता परवीन फरार हैं। एहजम और आबान नाम के दो नाबालिग बेटे बाल संरक्षण गृह में हैं।

2005 के बाद सत्ता के सफर में आने लगी अड़चनें

25 जनवरी 2005 विधायक राजू पाल की दिन दहाड़े हत्या कर दी गईं, जिसका आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ पर लगा।

राजू पाल की हत्या ने सियासी सफर पर लगाया फुलस्टॉप

राजू पाल की हत्या के बाद से अतीक से राजनीतिक सफर ने फुलस्टॉप लगा दिया। इसके बाद वे कोई चुनाव नहीं जीत सका था।

अतीक ने खड़ा किया अरबों का साम्राज्य

अतीक ने गुंडाराज कायम रखते हुए ठेके लेकर अरबों की संपत्ति जुटा ली है। रंगदारी-वसूली और गुंडा टैक्स से भी उसने अरबों रुपये कमाए हैं।

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