बेलेश्वर मंदिर में जहां पहले लोग हनुमान चालीसा पाठ का गुनगान कर रहे थे। वहीं, पल भर में लोगों की चीख-पुकार मच गई। चारों तरफ बस बचाओ-बचाओ की आवाजें सुनाई दे रहीं थी।
बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे की भयावह तस्वीरों ने लोगों की रूह कंपा दी। इस दर्दनाक मंजर की तस्वीरों ने परिवारों को ताउम्र न भूलने वाली यादें दी हैं। हादसे के बाद कई लोगों की लाशें पानी में तैर रही थीं।
मंदिर में एक मां अपनी दो मासूम बेटियों के साथ पूजा करने आई थी, लेकिन चंद मिनटों में मासूम बच्चियों ने आंखों के सामने अपनी मां की मौत का दर्दनाक मंजर देखा।
अचानक मंदिर की स्लैब गिरने से मां और बेटियां नीचे जा गिरीं। बच्चियों ने अपनी मां का हाथ पकड़ा हुआ था, लेकिन वह छूट गया और उनकी मां पानी में डूब गई। एक व्यक्ति की मदद से बच्चियां सीढ़ी के पास पहुंची।
मासूम बच्ची (एलिना) ने अपनी डूबती मां को बचाने की कोशिश की। मां की मौत से अनजान मासूम ने पानी में फूंक मारी, ताकि मां के मुंह में पानी जाने से रोका जा सके, लेकिन उनकी मां की मौके पर ही मौत हो गई थी।
दर्दनाक हादसे में 3 साल और 6 साल की वेदा और एलिना ने मां की ममता को इस छोटी सी उम्र में ही खो दिया है। अस्पताल में भर्ती एलिना उस दृश्य को याद कर कांप जाती है।
मंदिर की स्लैब गिरने से कई लोग पानी में जा गिरे। जिन्हें तैरना आता था, वह बच कर बाहर आ गए। जिन्हें तैरना नहीं आता था, वह पानी में डूब गए।
स्लैब गिरने के बाद पैरों के पास लाशें तैर रही थीं। चारों तरफ लोगों की चीख पुकार सुनाई दे रही थी। लोग बचने के लिए कुछ देर तक छटपटाते रहे, लेकिन उसके बाद लोग डूबने लगे और रोने की आवाजें भी कम हो गई।
बावड़ी में अंधेरा होने के बावजूद भी लोगों ने एक-दूसरे को बचाने की पूरी कोशिश की। मदद कर रहे लोगों ने उन्हें खींचने की कोशिश की, लेकिन उनमें जान ही नहीं थी।