इस मंत्र का विशेष महत्व है। इसे महामंत्र भी कहा जाता है। शास्त्रों में इस मंत्र की विशेष महत्ता है।
इस शक्तिशाली मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलते हैं। इसका जाप करने से कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। अर्थः अर्थ - उस दुःखनाशक, तेजस्वी, पापनाशक, प्राणस्वरूप, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें। हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में परमात्मा प्रेरित करे।
इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं और व्यक्त मानसिक रूप से मजबूत होता है।
इसका जाप करने से शांति मिलती है। ध्यान और शांति के लिए रोजाना इस मंत्र का जाप करें।
इसे करने से एकाग्र शक्ति बढ़ती है। इसलिए विद्यार्थियों को इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप करने के लिए दिन में तीन समय बताए गए हैं। इसका जाप सूर्योदय से थोड़ी देर पहले और थोड़ी देर बाद तक, सूर्यास्त के थोड़ी देर पहले व दोपहर में कर सकते हैं।
पूजा करते समय 3 बार गायत्री मंत्र का जाप जरूर करें व 11 बार इसका जाप करने से भगवान की कृपा बनी रहती है।
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