हिन्दू धर्म में भगवत गीता का विशेष महत्व है। यही कारण है कि अधिकांश घरों में भगवत गीता रखी जाती है। साथ ही मान्यता है कि जिस घर में गीता का नियमित पाठ किया जाता है, वहां सदैव खुशहाली बनी रहती है।
शास्त्रों में बताया गया है कि जिन घरों में भागवत गीता ग्रंथ उपस्थिति है वहां सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। लेकिन कुछ गलतियों के कारण व्यक्ति को दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।
श्रीमद्भागवत गीता एक पवित्र ग्रन्थ है, इसलिए पढ़ने के बाद इन्हें मंदिर में ही रखना चाहिए। साथ ही बिना स्नान के छूना भी नहीं चाहिए।
शास्त्रों में बताया गया है कि गीता का पाठ किसी भी समय करने से उत्तम फल मिलता है। लेकिन पाठ शुरू करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी अध्याय बीच में ना छूटे।
गीता का पाठ करने से भगवान श्री गणेश और श्री कृष्ण की उपासना जरूर करें और जिस आसन पर पाठ कर रहे हैं, हर दिन उसी का प्रयोग करें। दूसरों का आसन प्रयोग करने से पाठ का प्रभाव कम हो जाता है।
व्यक्ति को भगवत गीता के पाठ दौरान उनकी पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसलिए इन्हें कभी भी जमीन पर ना रखें। इन्हें पूजा की चौकी या काठ पर रखें और फिर पाठ करें।
व्यक्ति इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि भगवत गीता का पाठ शुरू करने से पहले उन्होंने मांसाहार या मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन ना किया हो।