ये किताबें भारत में हैं बैन


By Farhan Khan29, Apr 2023 02:29 PMjagran.com

द सैटेनिक वर्सेज

सलमान रुश्दी की ये किताब काफी विवादित रही। इस किताब पर आरोप लगा कि इसने मोहम्मद साहब का अपमान किया।

द हिंदूज : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री

वेंडी डोनिगर द्वारा लिखित इस किताब पर हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने का आरोप लगा। यहां तक कि इस किताब का विरोध शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति ने भी किया।

अंडरस्टैंडिंग इस्लाम थ्रू हदीस

इस किताब पर इस्लाम की निंदा का आरोप लगा, जो राम स्वरूप ने लिखी थी। इसके प्रकाशक को जेल तक की हवा खानी पड़ी।

द रामायना एज टोल्ड

ऑब्रे मेनन द्वारा लिखित इस किताब पर हिंदू धर्मग्रंथ रामायण का उपहास उड़ाने का आरोप लगा। जिसे 1956 में प्रतिबंध कर दिया गया।

जिन्ना: इंडिया-पार्टिशन-इंडेपेंडेंस

इस किताब में मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर नरम रवैया अख्तियार किया गया था। इसके अलावा यह भी बताया गया कि देश के बंटवारे के लिए जिन्ना जिम्मेदार नहीं है।

जसवंत सिंह

यह किताब जसवंत सिंह ने लिखी थी। इसमें नेहरू और पटेल को देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।

लज्जा

बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नरसीन ने लज्जा किताब के जरिए कट्टरपंथियों को निशाने पर लिया था। बाद में उनके खिलाफ बांग्लादेश में फतवा निकाला गया।

एन एरिया ऑफ डार्कनेस

वी एस नायपॉल की ये किताब 1960 के दशक में भारत की स्थिति पर आई थी। जिसमें भारत की गलत छवि पेश की गई थी।

द हार्ट ऑफ इंडिया

एलेक्जेंडर कैंपबेल द्वारा लिखित यह किताब 1958 में प्रकाशित हुई थी, जो भारत की आर्थिक नीतियों और राजनीति पर आधारित थी।

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