चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता की पूजा का विधान है।
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 26 मार्च 2023, रविवार के दिन है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की उपासना करने से निःसंतान दंपत्ति को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
चैत्र नवरात्रि के दिन रवि योग दोपहर 12:31 बजे से 27 मार्च को सुबह 06:16 बजे तक रहेगा। इस योग में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।
स्कंदमाता देवी की चार भुजाएं हैं उनके दाएं बुझाओं में स्कंद अर्थात कार्तिकेय हैं और कमल का पुष्प है। वहीं बाएं भुजा में वरदमुद्रा और एक कमल का पुष्प है।
देवी स्कंदमाता का वाहन सिंह है और इनका आसन कमल है, इसलिए इन्हें पद्मासन भी कहा जाता है।
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः।।