Chaitra Navratri 2023: जानिए मां कुष्मांडा का स्वरूप, प्रिय भोग और पूजा समय


By Shantanoo Mishra24, Mar 2023 01:48 PMjagran.com

चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन

हिन्दू पंचांग के अनुसार 25 मार्च 2023, शनिवार के दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस विशेष दिन पर देवी कुष्मांडा की उपासना का विधान है।

देवी कुष्मांडा स्वरूप

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी के रूप में पूजा जाता है। उनके हाथों में कमंडल, कमल, अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा, धनुष, बाण और माला है।

माता कुष्मांडा की सवारी और प्रिय रंग

मां कुष्मांडा बाघ की सवारी करती हैं और माता को हरा रंग बहुत प्रिय है। इसलिए इनकी पूजा में हरा रंग पहनना अतिशुभ माना जाता है।

मां कुष्मांडा प्रिय भोग

शास्त्रों में बताया गया है कि माता कुष्मांडा को मालपुआ का भोग अर्पित करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।

चैत्र नवरात्रि चतुर्थी तिथि

पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 मार्च को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट पर शुरू हो रहा है और इसका समापन 25 मार्च दोपहर 02 बजकर 53 मिनट पर होगा।

चतुर्थी तिथि शुभ योग

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।

माता कुष्मांडा पूजा विधि

स्नान-ध्यान कर सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करें और माता दुर्गा और घर में स्थापित कलश व अखंड ज्योति की पूजा करें।

अर्पित करें यह चीजें

माता कुष्मांडा को लाल पुष्प और सफेद कुम्हड़ा का फूल चढ़ाएं। साथ ही उन्हें पंचफल और मालपुए का भोग अर्पित करें।

जरूर करें आरती

पूजा के अंत में देवी कुष्मांडा स्तोत्र का पाठ करें और मां दुर्गा की आरती का पाठ जरूर करें और फिर परिवार के सदस्यों में प्रसाद वितरित कर दें।

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