माता को सफेद रंग बहुत प्रिय है और इनकी उपासना करने साधक को आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है। मां शैलपुत्री को गाय के घी का भोग अर्पित किया जाता है।
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से दीर्घायु और संयम का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाया जाता है।
माता की पूजा करने से साधकों को सांसारिक समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई या खीर इत्यादि का भोग लगाएं।
माता कूष्मांडा की उपासना से बुद्धि और मनोबल में वृद्धि होती है। माता को मालपुए का भोग अर्पित करें और दान इत्यादि अवश्य करें।
माता स्कंदमाता की पूजा करने से साधक को आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शारीरिक पीड़ाएं दूर हो जाती हैं। माता को केले का भोग अर्पित करें।
माता कात्यायनी की उपासना करने से आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है और नकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है। मां को लौकी, मीठे पान और मधु का भोग अर्पित करें।
माता कालरात्रि की उपासना करने से शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद मिलता है। माता को गुड़ से बनी मिठाई का भोग अर्पित करें।
माता महागौरी की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। माता महागौरी को नारियल का भोग अर्पित करें।
चैत्र नवरात्रि पर्व के अंतिम दिन यानि नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। माता सिद्धिदात्री को खीर और हलवा-पूड़ी का भोग लगाएं।